वॉशिंगटन : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात के बाद ‘‘चलें साथ साथ: फॉरवर्ड टुगेदर वी गो’’‘‘विजन स्टेटमेंट’’जारी किया है. इसके स्टेटमेंट के अनुसार दोनों देश ‘‘रणनीतिक साझेदारी’’ आतंकी खतरों से निपटने और जनसंहारक हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए साथ काम करेंगे.
‘‘विजन स्टेटमेंट’’ में कहा गया है कि भारत-अमेरिका साझेदारी अन्य देशों के लिए आदर्श होगी. यह स्टेटमेंट मोदी के आतंकवाद पर चिंता जाहिर करने के बाद आया है. यूएन में अपने भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है. हमें साथ आकर इस चुनौती का सामना करना होगा. मोदी ने आतंकवाद के खतरे पर यह कहते हुए विस्तार से रोशनी डाली कि इस चुनौती को ‘गंभीरता’ से लिए जाने की जरुरत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन रवाना होने से पहले न्यू यार्क में ‘‘काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशन्स’’ को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘आतंकवाद की चुनौती को गंभीरता से लिए जाने की जरुरत है. यह दुखद है कि कई देश मानवता के शत्रु आतंकवाद का घिनौना रुप पहले नहीं समझ पाए.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को राजनीतिक नफे-नुकसान के मापदंड पर नहीं आंका जा सकता. ‘‘विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठानी होगी.’’
मोदी के इस भाषण के बाद ह्वाइट हाउस में ओबामा से मुलाकात के दौरान भी इस बात पर दोनों नेताओं में चर्चा हुई. उन्होंने अफगानिस्तान में जारी हिंसा पर ओबामा के सामने चिंता जाहिर की. ओबामा ने भारत को आश्वासन दिया है कि वे आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर उनके साथ है. मोदी ने कहा कि इराक की तरह अमेरिका को अफगानिस्तान से सेना अचानक नहीं हटाना चाहिए नहीं तो आने वाले दिन में वहां भी इराक जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.