इबोला ने दी अमेरिका में दस्तक
वाशिंगटन: घातक इबोला वायरस ने अमेरिका में दस्तक दे दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है. अधिकारियों ने बताया है कि उनके देश में घातक इबोला वायरस के संक्रमण के पहले मामले का पता चला है. लाइबेरिया में इस वायरस से संक्रमित हुआ व्यक्ति टैक्सास […]
वाशिंगटन: घातक इबोला वायरस ने अमेरिका में दस्तक दे दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है. अधिकारियों ने बताया है कि उनके देश में घातक इबोला वायरस के संक्रमण के पहले मामले का पता चला है. लाइबेरिया में इस वायरस से संक्रमित हुआ व्यक्ति टैक्सास पहुंचा.
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि इस खतरनाक बीमारी लक्षण नजर आने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद उनकी जांच की गई. जांच के दौरान इबोला से संक्रमित पाया गया.
इससे पहले, डलास स्थित टैक्सास हेल्थ प्रेसबायटेरियन अस्पताल ने बताया था कि इबोला के संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति को विशेष देखरेख में बिल्कुल अलग-थलग रखा गया है. अमेरिका में इबोला का यह पहला मामला है. गौरतलब है कि इबोला वायरस से पूरी दुनिया चिंतित है.
इबोला के कारण भारत-अफ्रीका सम्मेलन रद्द
अफ्रीका महाद्वीप में इबोला विषाणु के फैलने के चलते इस साल भारत-अफ्रीका सम्मेलन रद्द कर दिया गया. इस सम्मेलन के दिसंबर में होने का कार्यक्रम था जिसमें 53 देश शरीक होते. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों, प्रमुख कारोबारियों और अन्य लोगों सहित करीब 1000 प्रतिनिधियों के इस सम्मेलन में शरीक होने की सरकार उम्मीद कर रही थी जिसके चलते जन स्वास्थ्य दिशानिर्देशों की व्यवस्था करने में मुश्किल होती.
शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है इबोला: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप को सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र इससे अकेले नहीं निपट सकता. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने इस बीमारी को रोकने के लिए आपात स्वास्थ्य मिशन तैनात करने का फैसला किया है. सुरक्षा परिषद को बान ने कहा कि बीमारी को रोकने के लिए हर संभव प्रयासों के बाद भी इसका तेजी से प्रसार हो रहा है.