इबोला के वायरस का गहराता खतरा, स्पेन की नर्स संक्रमित
वाशिंगटन:पूरे अफ्रीका को इबोला वायरस अपनी चपेट में लेता नजर आ रहा है. इस बीमारी से उत्पनन खतरा अफ्रीका के दूसरी ओर पश्चिमी अफ्रीका में भी देखने को मिला है. खबरों के मुताबिक स्पेन की रहने वाली एक नर्स को इबोला के संक्रमण से ग्रसित पाया गया है. पश्चिम अफ्रीका में पाया गया इबोला के […]
वाशिंगटन:पूरे अफ्रीका को इबोला वायरस अपनी चपेट में लेता नजर आ रहा है. इस बीमारी से उत्पनन खतरा अफ्रीका के दूसरी ओर पश्चिमी अफ्रीका में भी देखने को मिला है. खबरों के मुताबिक स्पेन की रहने वाली एक नर्स को इबोला के संक्रमण से ग्रसित पाया गया है. पश्चिम अफ्रीका में पाया गया इबोला के संक्रमण का यह पहला मामला है.
स्पेन की इस महिला को 69 वर्षीय पादरी से संक्रमण होने का कारण पाया गया है. जिसे मैड्रिड के एलकॉर्कन हॉस्पिटल में मंगलवार 7 अक्टूबर को भर्ती कराया गया है. यह नर्स मैड्रिड के एक मिशनरी में इबोला से संक्रमित 69 वर्षीय पादरी के इलाज के लिए बनी चिकित्सीय टीम में शामिल थी, जिसकी पिछले महीने सीयरा लियोन से लौटने के बाद मौत हो गयी थी. उसके कुछ समय बाद स्पेन की नर्स में भी इस बीमारी के लक्षणों का पता चला.
इबोला के फैलते कहर को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उनकी सरकार अफ्रीका की ओर से आने वाले फ्लाइट से यात्रियों की पूरी तरह से जांच कर रही है.उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास कर रहा है.
वहीं अमेरिका के अस्पताल में पहले से इबोला वायरस से ग्रसित लाइबेरियाई नागरिक थॉमस डंकन पर इबोला के उपचार के लिए तरह तरह के प्रयोग किये जा रहे है. लेकिन वहीं इबोला से संक्रमित एक अमेरिकी वीडियो जर्नलिस्ट के हालत में पहले से सुधार देखा गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि सरकार देश में और देश से बाहार से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करने पर काम कर रही है. लेकिन उन्होंने स्क्रीनिंग की नयी पद्वति को लागू करने के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
इबोला का फैलाव
इबोला हिमोरियाइक फीवर का फैलाव धीरे धीरे पूरे अफ्रीका को अपने चपेट में लेता जा रहा है्. दक्षिण अफ्रीका के बाद अब यह पश्चिमी अफ्रीका तक फैल चुका है. अमेरिका में भी इस बीमारी का मामला पाया गया है. पांच अमेरिकी इबोला से संक्रमित होकर पहले ही स्वदेश लौट चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के अनुसार अबतक पूरे विश्व में इस इबोला हीमोरियाइक फीवर से मरने वालों की संख्या 3300 तक हो गई है.
भारत की तैयारी
भारत जैसे देश में जहां हर दिनों हजारों लोग विदेशों से देश आते हैं ऐसे में हवाई अड्डों पर इस वायरस के खतरे को पहचानने के लिए उचित उपाय करने की जरूरत है. स्वास्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा में दिए अपने एक बयान में कहा था कि इबोला से ग्रसित देशों में कुल 45000 भारतीय हैं. जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने सुझाव दिया कि इन क्षेत्रों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जानी चाहिए ताकि देश को इबोला के संक्रमण से बचाया जा सके.
इबोला से संक्रमण का खतरा शुरुआती 21 दिनों में सामने आ जाता है. इबोला के प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार के साथ हाथों और पैरों में लाल चकत्ते होने लगते है. फिर आंतरिक रक्तस्राव की शिकायतें भी सुनने को मिलती हैं. अभी इस बीमारी के उपचार के लिए वैक्सीन बनाने दिशा में कदम चल रहा है लेकिन अभी तक इस क्षेत्र में कोई उपलब्धि हासिल नहीं हो सकी है.