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अमेरिका भी नहीं बचा पाया इबोला के मरीज को

ह्यूस्टन : यूनाइटेड स्टेट में पहले इबोला मरीज की मौत बुधवार को सुबह हो गयी. स्थानीय समय के अनुसार उसकी मौत सुबह 7.15 मीनट पर हुई. अस्पताल के प्रवक्ता ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा थॉमस एरिक डंकन की मौत टेक्सास में प्रेस्बिटेरियन अस्पताल डलास में हुई. इसी अस्पताल में 28 सितंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2014 10:18 PM

ह्यूस्टन : यूनाइटेड स्टेट में पहले इबोला मरीज की मौत बुधवार को सुबह हो गयी. स्थानीय समय के अनुसार उसकी मौत सुबह 7.15 मीनट पर हुई. अस्पताल के प्रवक्ता ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा थॉमस एरिक डंकन की मौत टेक्सास में प्रेस्बिटेरियन अस्पताल डलास में हुई. इसी अस्पताल में 28 सितंबर को उसे भरती करवाया गया था. प्रवक्ता ने अनुसार डंकन की हालत शनिवार को सामान्य थी अचानक उनकी तबीयत गंभीर रूप से खराब होनी शुरु हो गयी.

उन्होंने लाइबेरिया स्थित अपने घर से इबोला का वायरस लेकर यूनाइटेड स्टेट पहूंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्हें 20 सितंबर को थोड़ी तबीयत खराब लगने लगी. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भरती करवाया गया जहां उन्हें खतरनाक वायरस होने का पता चला. उनके स्वास्थ में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास किया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी बीमारी के बारे में 50 लोगों की निगरानी कर रहे हैं और इसमें से 10 को ‘बेहद जोखिम’ वाली स्थिति में बताया गया है.
अमेरिकी बीमारी नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने 10 लोगों को चिह्नित किया है जो थॉमस एरिक डंकन के संपर्क में आए थे. डंकन की जांच के बाद ही अमेरिका में इबोला के पहले मामले का पता चला. सीडीसी ने करीब 100 लोगों से संपर्क साधा जिनकी डंकन से संभवत: मुलाकात हुयी थी और इसके बाद 50 लोगों की सूची तैयार कर रोजाना निगरानी की जा रही है. विषाणु का पता लगाने के लिए एजेंसी सभी 50 लोगों की निगरानी पूरे 21 दिन तक जारी रखेगी. इस दौरान देखा जाएगा कि क्या बुखार, उल्टी, दस्त आदि के लक्षण उभरते हैं. सीडीसी ने कहा कि निगरानी में रखे गए लोगों में से अभी कोई भी बीमार नहीं है.

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