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यूएन पर बकाया हैं भारत के 11 करोड़ डॉलर

संयुक्त राष्ट्र:संयुक्त राष्ट्र पर शांतिरक्षक अभियानों लिए भारत की 11 करोड़ डॉलर की राशि बकाया है. संस्था के शीर्ष अधिकीरी के मुताबिक यह दूसरी सबसे बड़ी राशि है जो जो कि किसी देश को दी जानी बाकी है. भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक अभियानों में सबसे ज्यदा सैनिक भेजने वाले देशों में शामिल है. भारत […]

संयुक्त राष्ट्र:संयुक्त राष्ट्र पर शांतिरक्षक अभियानों लिए भारत की 11 करोड़ डॉलर की राशि बकाया है. संस्था के शीर्ष अधिकीरी के मुताबिक यह दूसरी सबसे बड़ी राशि है जो जो कि किसी देश को दी जानी बाकी है.

भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक अभियानों में सबसे ज्यदा सैनिक भेजने वाले देशों में शामिल है. भारत को यह बकाया राशि सैनिकों, पुलिस, आकस्मिक जरुरत के उपकरण से लेकर सहायता, मृत्यु और विकलांगता आदि मदों के लिए दी जानी है.
संस्था में प्रबंधन मामलों के महासचिव युकियो तकासू ने बताया कि इस साल तीन अक्तूबर तक भारत की 11 करोड डॉलर की राशि बकाया थी लेकिन संगठन को उम्मीद है कि अगले दो दिनों में उन सभी देशों को भुगतान करना शुरू कर दिया जाएगा जिन्होंने शांतिरक्षक अभियानों में योगदान दिया है.
संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक सदस्य देशों को विभिन्न व्यय के लिए दिया जाने वाला भुगतान वह आधा कर लेगा.
तकासू ने संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक अभियानों में भारत के योगदान को विशेष तौर पर रेखांकित किया और कहा कि विश्व संस्था में बकाया राशि में सबसे बड़ी राशि इन देशों के दी जानी है.
भारत के बडे़ योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व संस्था पर देशों की बकाया राशि में से सर्वाधिक राशि इस देश को दी जानी है.
विश्व संस्था पर भारत के अलावा इथियोपिया की 13.7 करोड डॉलर, पाकिस्तान की 10.9 करोड डॉलर और बांग्लादेश की 10.8 करोड डॉलर की राशि बकाया है. तीन अक्तूबर तक, सैनिकों और पुलिस यूनिटों के लिए सदस्य देशों को दी जाने वाली 58.5 करोड डॉलर की राशि संयुक्त राष्ट्र पर बकाया थी.
आकस्मिक स्थिति संबंधी उपकरण के लिए 1.3 अरब डॉलर की राशि दी जानी है जिसमें सक्रिय मिशनों के लिए 60.2 करोड डॉलर और बंद मिशनों के लिए 8.6 करोड डॉलर की राशि शामिल है.
तकासू ने कहा कि सचिवालय इस विचार के मद्देनजर शांतिरक्षक अभियानों के लिए राशि पर नजर रख रहा है कि जब भी संभव हो, भुगतान कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय सदस्य देशों को भुगतान की राशि का स्तर इस साल के आखिर तक घटा कर 50.1 करोड डॉलर करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है.
वह कल विश्व संस्था की वित्तीय स्थिति के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मुख्य प्रशासनिक एवं बजटीय निकाय फिफ्थ कमेटी को संबोधित कर रहे थे.
तकासू ने कहा कि सीमित आर्थिक भंडार के साथ संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक स्थिति पूरी तरह इस बात पर निर्भर है कि संस्थान के अभियानों में सदस्य देश कितनी तेजी से और कितना भुगतान करते हैं.

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