अफगानिस्तान में बलात्कार के पांच आरोपियों को फांसी
यूएन और मानवअधिकार समूह के लगातार विरोध करने के बाद भी पांच अफगान व्यक्तियों को चार महिलाओं के साथ गैंग रेप करने के आरोप में फांसी की सजा दी गयी है. इस पूरे मामले में बेहद जल्दी फैसला सुनाया गया और राष्ट्रपति ने भी इस फैसले पर जल्दी से फैसला लिया. जनता का भी आक्रोश […]
यूएन और मानवअधिकार समूह के लगातार विरोध करने के बाद भी पांच अफगान व्यक्तियों को चार महिलाओं के साथ गैंग रेप करने के आरोप में फांसी की सजा दी गयी है. इस पूरे मामले में बेहद जल्दी फैसला सुनाया गया और राष्ट्रपति ने भी इस फैसले पर जल्दी से फैसला लिया. जनता का भी आक्रोश इस पूरे मामले को लेकर बढ़ता जा रहा था. बलात्कार जैसे घटना को लेकर जनता का बढ़ता दबाव इस फैसले में बेहद अहम माना जा रहा है.
इन महिलाओं के साथ बलात्कार पागमैन शहर में काबूल के बाहर हुआ था. इस घटना को लेकर सभी तरफ घोर निराशा थी ज्यादातर अफगानी नागरिकों की मांग थी कि इन गुनाहगारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए. लोगों की भावना को देखते हुए राष्ट्रपति हामिद करजई ने इन गुनाहगारों की मौत की सजा पर हस्ताक्षर कर दिया.
डिप्टी अटॉर्नी जनरल रहमातुल्ला नाजिरी ने कहा, इस घटना के पांच दोषियों में से एक बड़े गुनाहगार को भी मौत की सजा दी गयी है. इस पूरे मामले में जनता के गुस्से को झेल रहे गनी के कार्यालय से कोई टिप्पणी नहीं आयी है. अटॉर्नी जनरल अत्ता मोहम्मद नुरी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है कि कोर्ट के द्वारा सुनाये गये फैसले को पूरा किया गया है और पांच आरोपियों को मौत की सजा दी गयी है. इन पांच आरोपियों के साथ एक बड़े गुनाहगार को भी मौत की सजा दी गयी है.
इस आरोपी का नाम हबीब है जो गैंग रेप मामले में मुख्य अभियुक्त था. इन आरोपियों को पुल ए चरखी जेल में सजा दी गयी जो काबूल के नजदीक है. मौत की सजा पर कई महत्वपूर्ण संस्थाओं ने अपना विरोध दर्ज कराया है. ईयू( European_Union) एबेंसडर ने इस सजा का विरोध किया है. उन्होंने ट्विटर पर इस घटना की निंदा करते हुए लिखा है सरकार ने मानव अधिकार का उल्लंघन किया है.
अगस्त में यह घटना तब घटी जब एक परिवार काबूल से शादी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहा था रास्तें में पुलिस की वर्दी में इन अपराधियों ने उनका रास्ता रोक लिया. पुरुषों को बांध दिया गया और महिलाओं से सभी किमती सामान लूट लेने के बाद उनके साथ बलात्कार किया गया.
इस पूरे मामले में फांसी का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस पर पूरी तरह अदालती कार्रवाई नहीं की गयी जल्दी- जल्दी में इस पर फैसला सुनाया गया. इतना ही नहीं बचाव पक्ष के वकील को केस पूरी तरह तैयार करने का भी वक्त नहीं दिया गया. इस घटना में आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद ही फैसला सुना दिया गया