पाक की बौखलाहट, कश्मीर मुद्दे पर फिर खटखटाया यूएनओ का दरवाजा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान लगातार भारत के साथ सीमा विवाद व कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने की कोशिश में जुट हुआ है. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस मुद्दे को उठाया था और अब उसने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की अपनी कोशिश तेज करते हुए भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2014 1:33 PM
इस्लामाबाद : पाकिस्तान लगातार भारत के साथ सीमा विवाद व कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने की कोशिश में जुट हुआ है. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस मुद्दे को उठाया था और अब उसने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की अपनी कोशिश तेज करते हुए भारत से लगे एलओसी के करीब की सुरक्षा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को पत्र लिखा है और मुद्दे के समाधान के लिए उसके हस्तक्षेप की मांग की है.
राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून को लिखे एक पत्र में भारत पर जानबूझकर और बिना किसी उकसावे के पिछले एक सप्ताह से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और सीमा पार से गोलीबारी करने का आरोप लगाया है.
अजीज द्वारा लिखे गए पत्र को पाकिस्तान के विदेश विभाग ने आज जारी किया. इसमें कहा गया है ‘‘मैं तत्काल आपका ध्यान पाकिस्तान और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब और इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के करीब सुरक्षा की लगातार गिरती हुई स्थिति की ओर दिलाना चाहता हूं.’’ पत्र में लिखा गया है, ‘‘जैसा कि आप अवगत हैं जम्मू कश्मीर विवाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक लंबित मुद्दा रहा है, जिसका प्रस्ताव जम्मू कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के लिए संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जनमत संग्रह कराने का वादा करता है और यह अभी भी वैध है, क्योंकि आज तक यह लागू नहीं हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में टिकाउ शांति और सुरक्षा के हित में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को दशकों से इस बात की याद दिलाता रहा है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है. हाल में भारत की सीमा पर हुई गोलीबारी के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून की ओर से उनके प्रवक्ता ने दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत द्वारा संघर्ष विराम की अपील की थी.

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