नोबेल विजेता मलाला को है अपनी परीक्षाओं की चिंता

लंदन : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को भले ही दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया हो, लेकिन उनकी मुख्य चिंता आने वाले समय में उनकी स्कूली परीक्षाओं को लेकर बनी हुई है. बालिकाओं की शिक्षा की हिमायत करने को लेकर 2012 में तालिबान की गोलबारी में बाल-बाल बची पाकिस्तानी किशोरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2014 5:39 PM
लंदन : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को भले ही दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया हो, लेकिन उनकी मुख्य चिंता आने वाले समय में उनकी स्कूली परीक्षाओं को लेकर बनी हुई है.
बालिकाओं की शिक्षा की हिमायत करने को लेकर 2012 में तालिबान की गोलबारी में बाल-बाल बची पाकिस्तानी किशोरी ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि पुरस्कार ग्रहण करने के वक्त की उनकी पढाई छूट जाएगी.
सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता के रुप में मलाला (17 वर्षीया) ने बर्मिंघम के मकान में अपनी पहली शाम अपने पिता के साथ पाकिस्तानी टीवी देखते हुए बिताया.
उन्होंने संडे टाइम्स से कहा, ‘‘मुङो जुकाम हो गया है और अच्छा महससू नहीं हो रहा है.’’ इस पाकिस्तानी किशोरी के लिए दुनिया भर से संदेशों का अंबार लग गया, जिन्हें तालिबान हमले के बाद मस्तिष्क की सर्जरी के लिए विमान से बर्मिंघम लाया गया था, ताकि उनकी जान बच सके.
मलाला ने कहा, ‘‘मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं और खुश हूं. लोगों के प्रेम ने सचमुच में मुङो गोलीबारी से उबरने में और मजबूत होने में मदद की. इसलिए मैं वह सब कुछ करना चाहती हूं, जिससे समाज को योगदान मिल सके.’’
मलाला इस बात से अवगत थी कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिल सकता है, पुरस्कार की घोषणा होने के बाद उनके रसायन विज्ञान के क्लास में शुक्रवार को सुबह 10 बजे के बाद शिक्षक के आने की व्यवस्था की गयी थी.
उन्होंने बताया, ‘‘हम तांबे की इलेक्ट्रोलाइसिस के बारे में पढ़ रहे हैं. मेरे पास मोबाइल फोन नहीं है, इसलिए मेरी शिक्षक ने कहा था कि यदि ऐसी कोई खबर होगी तो वह आएगी. लेकिन सवा दस बज गए और वह नहीं आयी. इसलिए मैंने सोचा कि मुङो पुरस्कार नहीं मिला. मैं बहुत छोटी हूं और मैं अपने काम के शुरुआती दौर में हूं.’’ पर कुछ ही मिनट बाद शिक्षक आ गयीं और यह खबर दी.
मलाला ने बताया, ‘‘मुङो लगता है कि मेरे शिक्षक मुझसे ज्यादा उत्साहित थे. उनके चेहरों की मुस्कान मुझसे ज्यादा थी. फिर मैं फिर अपने भौतिक विज्ञान की क्लास के लिए गयी.’’

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