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संयुक्त राष्ट्र का कश्मीर में दखल देने से इनकार
संयुक्त राष्ट्र : कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग करनेवाले पाकिस्तान को एकबार फिर मुंह की खानी पड़ी है. वैश्विक संस्था ने इस मसले पर फिर दोहराया है कि इसका दीर्घकालिक हल निकालने के लिए भारत और पाकिस्तान को आपस में वार्ता करनी चाहिए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज […]
संयुक्त राष्ट्र : कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग करनेवाले पाकिस्तान को एकबार फिर मुंह की खानी पड़ी है. वैश्विक संस्था ने इस मसले पर फिर दोहराया है कि इसका दीर्घकालिक हल निकालने के लिए भारत और पाकिस्तान को आपस में वार्ता करनी चाहिए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत के साथ तनाव को लेकर पिछले दिनों संरा के महासचिव बान की-मून को पत्र लिखा था.
हस्तक्षेप की मांग की थी. पत्र में अजीज ने कहा कि ‘पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण हल निकालने में संयुक्तराष्ट्र व उसके ‘कार्यालय’ की एक अहम भूमिका है. वहीं, भारत ने कहा था कि पड़ोसी द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जाना गहरे दुख का विषय है. हमारे सशस्त्र बल उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
कश्मीर और संयुक्त राष्ट्र
दोनों देशों के बीच के इस विवादित क्षेत्र में संरा ने लंबे समय से अपनी संस्थागत मौजूदगी बनाये रखी है. यूएन मिलिटरी ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया एंड पाकिस्तान (यूएनएमओजीआइपी )नियंत्रण रेखा पर व जम्मू-कश्मीर में दक्षिणी एशियाई पड़ोसियों के बीच की कार्यकारी सीमा पर होने वाले संघर्ष विराम उल्लंघनों पर नजर रखता है. इनकी रिपोर्ट तैयार करता है. इसके साथ ही यह उन परिवर्तनों की भी जानकारी देता है, जिनका नतीजा संघर्षविराम के उल्लंघन के रूप में सामने आ सकता है. हालांकि भारत हमेशा से यह कहता रहा है कि यूएनएमओजीआइपी ‘अपनी प्रासंगिकता खो चुका है. इस मसले पर उसकी कोई भूमिका नहीं है.
वार्ता से समस्या सुलझाएं
‘‘हम भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर हाल में बढ़ी हिंसा को लेकर चिंतित हैं. दोनों ओर हुई मौतों व नागरिकों के विस्थापन का अफसोस है. संरा महासभा में दोनों देशों के बीच गत दिनों झड़प भी हुई थी. संरा का मानना है कि दोनों देशों को बातचीत के जरिये इस समस्या को सुलझाना चाहिए.
बान की-मून, संरा के महासचिवआतंकवाद के साये के बगैर हीपाकिस्तान से वार्ता : भारत
पाकिस्तान की ओर से संरा में कश्मीर का मुद्दा उठाये जाने की पृष्ठभूमि में भारत ने कहा है कि इस पड़ोसी देश के साथ बातचीत केवल ‘आतंकवाद के साये के बिना’ ही संभव है. भारत ने पाक राजनयिक द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने के बाद उपनिवेशवाद के अंत पर संरा महासभा में ‘फोर्थ कमिटी’ की बैठक में यह बात कही. भारतीय राजनयिक अभिषेक सिंह ने कहा कि ‘मैं इस कमेटी के संज्ञान में लाना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने सार्वभौमिक स्तर पर स्वीकार्य लोकतांत्रिक सिद्धांतों तथा व्यवहारों के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से अपनी तकदीर चुनी है. वे ऐसा करना जारी रखेंगे. राज्य में भारतीय प्रशासन के द्वारा करायी जाने वाली कोई निर्वाचन प्रक्रिया संरा सुरक्षा परिषद के इन प्रस्तावों के तहत कराये जाने वाले स्वतंत्र व निष्पक्ष जनमत संग्रह का स्थान नहीं ले सकती. ’
इधर, हॉटलाइन पर सैन्य अफसरों की वार्ता
इसलामाबाद. सीमा पर मौजूदा तनाव खत्म करने के प्रयास के तौर पर भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को हॉट लाइन पर बात की. पाकिस्तान के निदेशक सैन्य संचालन ने वरिष्ठ सैन्य स्तर पर नियमित संपर्क के एक हिस्से के रूप में अपने भारतीय समकक्ष से बात की. इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को दो बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया और सीमा पर गोलाबारी की.
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