जानिए आखिर भारत के किस कार्य से चीन के माथे पर पड़े बल

बीजिंग : भारत की दुनिया में बढ़ रहे कद से पड़ोसी देश के माथे पर बल पड़ गये हैं. भारत के अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन रेखा के पास सड़क निर्माण का विरोध करते हुए चीन ने कहा है कि भारत को सीमा पर कोई पेचीदा कदम नहीं उठाना चाहिए. चीन ने उम्मीद जताई है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2014 12:00 PM

बीजिंग : भारत की दुनिया में बढ़ रहे कद से पड़ोसी देश के माथे पर बल पड़ गये हैं. भारत के अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन रेखा के पास सड़क निर्माण का विरोध करते हुए चीन ने कहा है कि भारत को सीमा पर कोई पेचीदा कदम नहीं उठाना चाहिए. चीन ने उम्मीद जताई है कि सीमा विवाद को खत्म कराने वाले किसी भी समाधान से पहले भारत स्थिति को पेचीदा कर सकने वाला कोई कदम नहीं उठाएगा. पिछले दिनों भारतीय सीमा पर चीनी घुसपैठ के बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास पैदा हो गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमें ब्योरे को सत्यापित करने की जरुरत अभी भी है. चीन और भारत के बीच सीमा विवाद औपनिवेशिक अतीत की देन है. हमें इस मुद्दे से उचित रुप से निपटने की जरुरत है.’’ वह गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु के उस बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे जिसके तहत उन्होंने कहा था कि तवांग के मागो-थिंगबु से अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के विजयनगर तक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ एक सडक नेटवर्क का निर्माण किए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है.

होंग ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से के बारे में विवाद है. आखिरी समझौता होने से पहले हमें उम्मीद है कि भारत ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जो हालात को और पेचीदा बनाए.’’उन्होंने बताया, ‘‘हमें सीमावर्ती इलाके की शांति एवं स्थिरता की संयुक्त रुप से हिफाजत करनी चाहिए और सीमा विवाद के आखिरी समाधान के लिए अनुकूल स्थिति पैदा करनी चाहिए.’’

चीन ने भारत-पाक से संयम दिखाने, गोलीबारी रोकने को कहा

चीन ने आज भारत और पाकिस्तान का आह्वान किया कि वे संयम दिखाते हुए नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी बंद करें तथा अपने मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाएं.चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने भारतीय और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही गोलीबारी से जुडे एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘चीन इस हालात को लेकर काफी चौकस है.’’

होंग ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और भारत दोनों के पडोसी एवं मित्र होने के नाते हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष संयम बरत सकते हैं और गोलीबारी रोक सकते हैं तथा संवाद एवं विचार-विमर्श की ओर मुड सकते हैं. वे स्थिति पर गौर कर सकते हैं और मुद्दों को सही ढंग से सुलझा सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए.’’

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