अमेरिकी व्यक्ति ने आईएस की मदद की कोशिश का गुनाह कबूला

वाशिंगटन: अमेरिका के एक व्यक्ति ने आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट की मदद करने की कोशिश का गुनाह कबूल किया है. उसे 15 साल की कैद और ढाई लाख डॉलर के जुर्माने की सजा हो सकती है. डोनाल्ड रे मोर्गन (44 वर्ष) को हथियार रखने के आरोप में अगस्त के शुरु में जेएफके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2014 12:52 PM

वाशिंगटन: अमेरिका के एक व्यक्ति ने आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट की मदद करने की कोशिश का गुनाह कबूल किया है. उसे 15 साल की कैद और ढाई लाख डॉलर के जुर्माने की सजा हो सकती है.

डोनाल्ड रे मोर्गन (44 वर्ष) को हथियार रखने के आरोप में अगस्त के शुरु में जेएफके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. जांचकर्ताओं ने उसकी हाल की यात्रओं के बारे में पडताल की.
एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जॉन स्ट्रांग ने कल एक बयान में कहा, ‘‘उसने (डोनाल्ड) सीरिया में हिंसक आतंकी समूह आईएसआईएल (आईएस) में शामिल होने के इरादे से विदेशों की यात्र की.’’
मोर्गन ने विदेशी आतंकवादी संगठन के रुप में घोषित समूह को साजो सामान मुहैया कराने की कोशिश का गुनाह कबूल कर लिया. अभियोजकों ने बताया कि मोर्गन ने कम से कम एक बार लेबनान से सीरिया जाने की कोशिश की, ताकि वह आईएस में शामिल हो सके.
मोर्गन ने जिहादियों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया और एनबीसी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार का सहारा लिया. एफबीआई द्वारा जुलाई के अंत में देखे गए एक ट्विटर संदेश में उसने कथित तौर पर लिखा था, ‘‘हमारे दुश्मनों को मारना और सिर कलम करना जायज है.’’ मोर्गन को 18 फरवरी 2015 को सजा सुनाई जाएगी.

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