अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारत पहुंचा रहा है नुकसान

वाशिंगटन: प्रमुख अमेरिकी व्यापारिक संगठनों और उनके लिए काम करने वाले समूहों ने भारत पर ‘भेदभावपूर्ण’ आर्थिक नीतियों का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एक नया गठजोड़ शुरु किया है. इन नीतियों में बौद्धिक संपदा का मुद्दा भी शामिल है. नेशनल एसोसिएशन ऑफ मैन्यूफैक्चर्स (एनएएम) और यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल प्रापर्टी सेंटर (जीआईपीसी) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:50 PM

वाशिंगटन: प्रमुख अमेरिकी व्यापारिक संगठनों और उनके लिए काम करने वाले समूहों ने भारत पर ‘भेदभावपूर्ण’ आर्थिक नीतियों का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एक नया गठजोड़ शुरु किया है. इन नीतियों में बौद्धिक संपदा का मुद्दा भी शामिल है.

नेशनल एसोसिएशन ऑफ मैन्यूफैक्चर्स (एनएएम) और यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल प्रापर्टी सेंटर (जीआईपीसी) ने मिलकर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी की भारत यात्रा से पहले वाशिंगटन में एलायंस फॉर फेयर ट्रेड विद इंडिया (एएफटीआई) नामक गठबंधन बनाया है. कैरी चौथी भारत अमेरिकी रणनीतिक वार्ता के लिए भारत जायेंगे.

एनएएम के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मामलों की उपाध्यक्ष लिंडा डेम्पसी ने कहा, ‘‘अमेरिका निर्मित उत्पादों के निर्यात प्रति भारत की अनुचित व्यापार प्रक्रिया से नौकरियां खतरे में पड़ रही हैं और अमेरिकी विनिर्माण श्रमिकों को नुकसान पहुंच रहा है.’’

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