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भारत के साथ व्यापार के लिए एफटीए पर हस्ताक्षर के लिए फिलीपींस हुआ राजी
ने पी टो: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिलीपीन के राष्ट्रपति बेनिगनो एक्यूनो ने भारत-आसियान तथा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में अलग से द्विपक्षीय बैठक के दौरान आश्वस्त किया कि सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी ‘मुक्त व्यापार समझौते’ (एफटीए) पर हस्ताक्षर के लिये आंतरिक प्रक्रिया जारी है. आसियान के दस सदस्यों में फिलीपीन ही […]
ने पी टो: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिलीपीन के राष्ट्रपति बेनिगनो एक्यूनो ने भारत-आसियान तथा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में अलग से द्विपक्षीय बैठक के दौरान आश्वस्त किया कि सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी ‘मुक्त व्यापार समझौते’ (एफटीए) पर हस्ताक्षर के लिये आंतरिक प्रक्रिया जारी है. आसियान के दस सदस्यों में फिलीपीन ही एकमात्र देश रह गया है जिसने भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर अभी तक नहीं किये हैं.
भारत इस तरह के समझौते पर आसियान के नौ सदस्य देशों के साथ पहले ही औपचारिक रुप से हस्ताक्षर कर चुका है. इनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, सिंगापुर, थाईलैंड तथा वियतनाम शामिल हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने कल 12वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में अनुरोध किया था कि सेवा तथा निवेश पर एफटीए को यथाशीघ्र अमल में लाया जाना चाहिये.
सेवा क्षेत्र में इस समझौते से श्रमबल की आवाजाही और निवेश के नये अवसर खुलेंगे और समझौते से भारत को वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, दूरसंचार तथा परिवहन के क्षेत्र में जो प्रतिस्पर्धी लाभ प्राप्त है, उसका फायदा उठाने में मदद मिलेगी.जानकारों के मुताबिक इस समझौते से भारत को आसियान देशों के साथ वस्तुओं के व्यापार घाटे को संतुलित करने में मदद मिलेगी. वस्तुओं के मामले में भारत-आसियान समझौता 2010 में अमल में आ चुका है.
भारत-आसियान के बीच मौजूदा वस्तुओं के मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ अब सेवा व्यापार तथा द्विपक्षीय निवेश बढाने पर भी जोर होगा. एफटीए समझौता आइटी और आइटी संबद्ध क्षेत्र समेत भारत के पेशेवरों के लिये वाणिज्यिक रुप से अच्छा बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगा.
मौजूदा भारत-आसियान व्यापार करीब 81 अरब डॉलर का है और सरकार ने 2015 तक इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.नये समझौते के लागू होने से क्षेत्रीय व्यापार में आसियान की अहमियत फिर से बढ़ेगी. क्षेत्रीय संगठन ने हाल ही में चीन, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के साथ मौजूदा एफटीए बढ़ाने पर सहमति जतायी है.
इस बड़े व्यापार समझौते में 10 सदस्यीय आसियान तथा उसके एफटीए सहयोगी भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड शामिल हैं. इन सभी का क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. भारत, आसियान और उसके सहयोगी देश के साथ आरसीइपी समझौते के लिये बातचीत कर रहा है. ऐसे में अगर इस पर हस्ताक्षर होता है तो वैश्विक स्तर पर यह काफी दबदबे वाला मुक्त व्यापार क्षेत्र होगा.
मोदी ने कहा था कि इस क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण तथा समृद्धि के लिये आरसीइपी समझौता उत्प्रेरक का काम करेगा.उन्होंने कहा कि हमें संतुलित समझौते का लक्ष्य रखना चाहिए जो सभी के लिये लाभप्रद हो और सही मायने में व्यापक प्रकृति का हो. गय्र्तलब है कि भारत का आसियान के साथ व्यापार, आसियान के कुल व्यापार का केवल 3 प्रतिशत है और दोनों पक्षों के बीच व्यापार बढ़ने की अभी काफी संभावनाएं बाकी हैं.
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