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मोदी के अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मिला 130 देशों का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय रूप से योग के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को दुनिया के अधिकतम देशों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से फायदों को मान्यता दिए जाने संबंधी भारत नीत प्रस्ताव को करीब 130 देशों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 2:38 PM

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय रूप से योग के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को दुनिया के अधिकतम देशों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से फायदों को मान्यता दिए जाने संबंधी भारत नीत प्रस्ताव को करीब 130 देशों का समर्थन मिला है. ये देश प्रस्ताव के साथ बतौर सह-प्रायोजक जुड़े हैं.

मालूम हो कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस के लिए प्रस्ताव का मसौदा भारत द्वारा तैयार किया गया था और इस संबंध में पिछले महीनों में संयुक्त-राष्ट्र स्थित भारतीय मिशन ने एक अनौपचारिक विचार-विमर्श किया था, जहां दूसरे देशों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रकट किए थे.
‘एल डॉक्युमेंट’ नामक इस मसौदे को 130 देशों ने सह-प्रायोजक के तौर पर अंतिम रुप दिया है. संयुक्त-राष्ट्र में किसी भी प्रस्ताव को इस तरह से अपार समर्थन मिलना अपने आप में एक रिकॉर्ड है.माना जा रहा है कि आगामी 10 दिसंबर को इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए संयुक्त-राष्ट्र महासभा में लाया जाएगा. यह प्रस्ताव योग को स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति ऐतिहासिक दृष्टिकोण मुहैया कराने वाले माध्यम के तौर पर मान्यता देता है.
गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल सितंबर में बतौर प्रधानमंत्री संयुक्त-राष्ट्र में दिए अपने पहले संबोधन में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की जोरदार पैरवी की थी.प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व नेताओं से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आह्वान करते हुए कहा था कि योग जीवनशैली को बदलकर और चेतना जगाकर जलवायु परिवर्तन से निपटनें में हमारी मदद कर सकता है. इस प्रस्ताव में 21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मान्यता दिए जाने की बात शामिल की गयी है.
मोदी की पहल से जुड़े इस प्रस्ताव को समर्थन देने वालों में कई प्रमुख देश भी शामिल हैं. इनमें सुरक्षा-परिषद के स्थायी सदस्य देश चीन, फ्रांस, रुस, ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं.
इनके अलावा अल्जीरिया, अंगोला, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, कनाडा, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोलंबिया, क्यूबा, मिस्र, फिनलैंड, जर्मनी, ईरान, इराक, इस्राइल, जापान, कीनिया, मेक्सिको, म्यामांर, नेपाल, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, सीरिया, थाईलैंड, यूएई तथा वियतनाम जैसे कई दूसरे देशों ने इसका समर्थन किया है.

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