ब्रिस्बेन: ऑस्ट्रेलिया में हो रहे जी-20 की शिखर बैठक में आज जब इस शिखर बैठक में भाग लेने के लिए विश्व भर के तमाम बड़े नेता वार्ता परिसर में एक-एक करके आ रहे थे, उस समय भारत के प्रधानमंत्री ने अपने आगमन के समय मेजबान देश ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट से गर्मजोशी से हाथ मिलाने के बाद उन्हें कसकर गले लगा लिया. मोदी की इस दोस्ताना पहल से ब्रिस्बेन कन्वेंशन सेंटर का माहौल बहुत खुशनुमा हो गया.
ब्रिस्बेन कन्वेंशन सेंटर में शिखर बैठक कक्ष में समूह 20 के सदस्य देशों के नेता एक-एक करके आ रहे थे. वहां पहुंचकर वे मेजबान एबट के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो खिंचाने की रस्म निभा रहे थे. इसी क्रम में जब मोदी ने कक्ष में प्रवेश किया तो उन्होंने गर्मजोशी का परिचय देते हुए एबट को कसकर गले लगा लिया.एबट जिस कक्ष में नेताओं का स्वागत करने के लिए खड़े थे, वहां एक दीवार पर लिखा था ‘आस्ट्रेलिया 2014’ और ‘जी 20 समिट ब्रिस्बेन 2014’.
एबट ने औद्योगीकृत और प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं से अपील की कि वे शिखर बैठक में किसी पूर्व लिखित भाषण के बजाय दिल से अपनी बात रखें. एबट मंगलवार को कैनबरा में मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की मेजबानी करेंगे.
हाल के दिनों में भारत और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच दो माह की अल्प अवधि में यह दूसरी मुलाकात होगी. इसके पहले एबट सितंबर में नयी दिल्ली गए थे, जहां दोनों देशों ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर किए थे.
गौरतलब है कि इसके पहले मोदी जब अगस्त में जापान गए थे तो वहां जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उन्हें अप्रत्याशित रुप गले से लगा कर सबको चौंका दिया था. जापान में आम तौर पर गले लगाकर स्वागत करने का रिवाज नहीं है. जापानी प्रधानमंत्री ने बीती रात मोदी के सम्मान में यहां भोज का आयोजन किया था जो दोनों नेताओं के रिश्तों में बढ़ती गरमाहट और अपनत्व का परिचायक है.
कन्वेंशन सेंटर के भीतर जाने से पहले जी20 नेताओं का औपचारिक और पारंपरिक तरीके से संगीत-नृत्य के साथ स्वागत किया गया. ट्रेडिशनल ऑनर्स कहे जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के मूल जातीय लोगों ने यह कार्यक्रम प्रस्तुत किये. आस्ट्रेलियायी आदिवासियों और टोरेस स्ट्रेट आइलैंड के निवासियों ने धरती पर किसी भी अन्य मानव सभ्यता के मुकाबले सर्वाधिक लंबे समय से लोगों से संपर्क, अपनी संस्कृति और परंपरा को बनाए रखा है.
इन आदिवासी लोगों के समूह की हजारों सालों से परंपरा चली आ रही है कि अपने क्षेत्र से गुजरने वाले आगंतुकों का वे पारंपरिक तरीके से स्वागत करते हैं.
ब्रिस्बेन में जी 20 नेताओं का अपनी ओर से स्वागत करने के साथ ही ट्रेडिशनल ऑनर्स समूह ने उनका आस्ट्रेलिया की ओर से भी औपचारिक स्वागत किया.