जापान ने चीन को सुनायी खरी-खरी, कहा, अरुणाचल का इलाका नहीं है विवादित क्षेत्र

बीजिंग : जापान ने चीन से कहा है कि भारत के पूर्वाेत्तर क्षेत्र में 2000 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित ‘रणनीतिक सड़क’ के निर्माण की उसकी योजना चीन-भारत सीमा के साथ विवादास्पद क्षेत्र में नहीं आती है. चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता होंग लेइ ने मीडिया को यह जानकारी दी. जापान इंटरनेशन कापरेशन एजेंसी (जिका) द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2014 7:45 PM
बीजिंग : जापान ने चीन से कहा है कि भारत के पूर्वाेत्तर क्षेत्र में 2000 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित ‘रणनीतिक सड़क’ के निर्माण की उसकी योजना चीन-भारत सीमा के साथ विवादास्पद क्षेत्र में नहीं आती है.
चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता होंग लेइ ने मीडिया को यह जानकारी दी. जापान इंटरनेशन कापरेशन एजेंसी (जिका) द्वारा चीन-भारत सीमा के ‘विवादास्पद’ पूर्वी भाग में 2000 किलोमीटर लंबी ‘रणनीतिक सड़क’ बनाये जाने संबंधी रपटों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,‘चीन ने इस तरह की रपटों को देखा है और सक्षम अधिकारियों से इसके बारे में इसकी जांच कराई है.
’ होंग ने कहा, ‘जापानी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि भारत के साथ उसका सहयोग चीन व भारत के बीच विवादास्पद क्षेत्र में नहीं है.
हाल ही में कुछ मीडिया रपटों में कहा गया था भारत ने भारत-चीन सीमा के साथ-साथ लगभग 2000 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण की परियोजना जिका को आवंटित करने पर सहमति जतायी है. रपट के अनुसार जिका वित्तीय मदद भी देगी.
उल्लेखनीय है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताते हुए उस पर अपना दावा करता है. इससे पहले उसने एशियाई विकास बैंक की सहायता की योजना का यह कहते हुए विरोध किया था यह विवादास्पद क्षेत्र है. होंग ने कहा कि चीन ने इस बारे में जापान से स्पष्टीकरण मांगा था.
उन्होंने हालांकि ‘सक्षम अधिकारियों’ का ब्यौरा नहीं दिया और न ही यह बताया कि क्या इस मुद्दे को भारत के साथ उठाया गया है. चीन के विदेश मंत्रलय ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर सड़क नेटवर्क मजबूत करने और 45 नयी चौकियां स्थापित करने की भारत की योजना को लेकर हाल के सप्ताहों में चिंता प्रकट की है.
चीन सीमा विवाद को अरुणाचल के 2000 किलोमीटर लंबे क्षेत्र तक सीमित मानता है, जबकि भारत का कहना है कि यह विवाद पश्चिमी क्षेत्र तक करीब 4000 किलो मीटर लम्बे इलाके में है.

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