सुवा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनिमिरामा के साथ बैठक में प्रशांत देशों के लिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के मुद्दे पर बैठक की. बैठक में इसके लिए मोदी ने 10 लाख डालर के विशेष कोष की घोषणा की.पिछले 33 साल में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री फिजी के दौरे पर पहुंचा है.
प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों को साथ लेने के प्रयासों में नई उर्जा का संचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा के दौरान भारत ने फिजी को कुल मिला कर आठ करोड डालर के नए कर्ज की सहायता व विकास सहायता के साथ ही क्षेत्र के सभी 14 द्वीप देशों के नागरिकों के लिए आगमन पर वीजा की सुविधा की घोषणा की.
भारत ने इन देशों के लिए टेली मेडिसिन तथा दूरस्थ शिक्षा (टेली एजुकेशन) के क्षेत्र में एक अखिल प्रशांत द्वीपीय परियोजना के विकास का भी प्रस्ताव किया. इससे पहले 1981 में इंदिरा गांधी ने यहां की यात्रा की थी.
मोदी का फिजी में जोरदार स्वागत, द्वीपीय देशों को अनुदान राशि बढाकर 2 लाख सालाना की घोषणा
फिजी की एक दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत किया गया. हर जगह सडकों पर ‘वुला मोदी’ यानी ‘मोदी का स्वागत’ की तख्तियां लगी थीं. मोदी ने अपनी इस यात्रा में प्रशांत महासागर क्षेत्र के 12 द्वीप देशों के नेताओं को संबोधित किया. उन्होंने फिजियन नैशनल यूनिवर्सिटी को भी संबोधित किया और वह इस विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने वाले पहले वैश्विक नेता बन गए हैं.
इस बैठक में जिन अन्य फैसलों की घोषणा हुई उनमें इन देशों में सामुदायिक परियोजनाओं के लिए प्रत्येक को अनुदान की राशि 1,25,000 डॉलर से बढाकर 2,00,000 डॉलर सालाना कर दी गयी है. इसके अलावा भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) की ओर से इन देशों को व्यापार प्रदर्शनियों में इन द्वीप देशों के लिए अपने उत्पादनों की नुमाइश के लिए मुफ्त जगह प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है.
भारत ने इन देशों को नयी दिल्ली में एक व्यापार कार्यालय की स्थापना में सहयोग की पेशकश की है ताकि भारत और प्रशांत द्वीप देशों के बीच व्यापार को बढावा दिया जा सके. मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में बैनिमारामा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा ‘‘आज नया दिन है, फिजी के साथ हमारे संबंधों की नयी शुरुआत है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘फिजी प्रशांत द्वीप देशों के साथ भारत का सम्पर्क बढाने में एक केंद्र बन सकता है. इस यात्रा को पुराने संबंध को नया बनाने और भविष्य में मजबूत भागीदारी की बुनियाद रखने के मौके के तौर पर देखता हूं’ फीजी के प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि ‘हम फिजी के भविष्य में भागीदार के तौर पर भारत को पाकर फख्र महसूस कर रहे हैं.’ बैनिमरामा ने कहा कि 15 और द्विपक्षीय संबंधों पर काम हो रहा है.
बैनिमारामा ने 2006 में सैन्य विद्रोह के साथ सत्ता हासिल करने के बाद फिजी में हुए पहले संसदीय चुनाव में जीत हासिल कर 22 सितंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. भारत फिजी के साथ संबंध प्रगाढ करने के लिए वहां सह-बिजली उत्पादक संयंत्र के लिए सात करोड डालर की कर्ज सुविधा देगा. साथ ही चीनी उद्योग के उन्नयन के लिए 50 लाख डालर की सहायता और छोटी इकाइयों एवं गांवों के विकास के लिए 50 लाख डालर की सहायता प्रदान की जाएगी.
भारत यहां फिजी की संसद के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना करेगा और फिजी के छात्रों के लिए वजीफे और प्रशिक्षण के अवसर बढाएगा. कर्जसुविधा दोनों नेताओं की मौजूदगी में भारत और फिजी के बीच हुए तीन समझौतों का हिस्सा है. मोदी यहां तीन देशों की 10 दिवसीय यात्रा के तीसरे और आखिरी चरण में आज तडके यहां पहुंचे. उनका स्वागत फिजी के प्रधानमंत्री ने सुवा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर किया. मोदी आज स्वदेश रवाना होने वाले हैं.