बांग्लादेश में हुआ खालिदा जिया पर मुकदमे का रास्ता साफ
ढाका: बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने आज मुख्य विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अपीलों को खारिज करते हुए भ्रष्टाचार के मामलों में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया. ऐसे में अगर वो दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें उम्रकैद भी हो सकती है. डिप्टी अटार्नी जनरल एकरामुल हक टुटुल […]
ढाका: बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने आज मुख्य विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अपीलों को खारिज करते हुए भ्रष्टाचार के मामलों में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया. ऐसे में अगर वो दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें उम्रकैद भी हो सकती है.
डिप्टी अटार्नी जनरल एकरामुल हक टुटुल ने संवाददाताओं को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अपील डिवीजन ने उनकी अपील दायर करने की अनुमति को रद्द कर दिया है. अब उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुकदमा चलाने में कोई बाधा नहीं है. इस मामले में प्रधान न्यायाधीश एम. मुजम्मील हुसैन की अगुवाइ वाली पांच सदस्यीय पीठ ने हाइकोर्ट की ओर से पूर्व में सुनाए गए फैसले को बरकरार रखा. उन्होंने कहा कि अनाथालय को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्हें निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना चाहिए. उनके दिवंगत पति पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के नाम पर यह अनाथालय खोला गया था.
टुटुल ने कहा कि अदालत ने हाईकोर्ट के खिलाफ जिया की ओर से दायर दूसरी अपील पर भी सुनवाई की. जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में हाइकोर्ट ने अपने फैसले में निचली अदालत की ओर से उनकी दोषसिद्धि को उचित ठहराया था.
हालांकि बांग्लादेश की दो बार प्रधानमंत्री रह चुकीं 69 वर्षीय जिया के खिलाफ आरोप दर्ज कराने वाले भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एसीसी) ने कहा कि दोनों संगठन केवल कागजों पर ही हैं.
एसीसी ने 2009 में जिया अनाथालय ट्रस्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करते हुए उनके खिलाफ फर्जी ट्रस्ट बनाकर भारी रकम का गबन करने का आरोप लगाया. ट्रस्ट बनाने के दौरान अधिकार के दुरुपयोग के लिए 2011 में दूसरा मामला दर्ज किया गया.
उनके बड़े बेटे और बीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान तथा सात अन्य लोगों के साथ भी दो मामले में आरोपी हैं. जिया और उनके तीन अन्य सहयोगियों पर जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से 400,000 डॉलर निकालने का आरोप है.