वाशिंगटन : मुंबई में हुए आतंकी हमले से जुड़े मामले की पाकिस्तान में चल रही सुनवाई की धीमी गति से दुखी एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ने लश्करे तैयबा के कमांडर जकिउर रहमान लखवी सही सभी सात संदिग्धों को न्याय के अधीन लाने के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के हवाले करने की मांग की.
संसद की शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति के अध्यक्ष एवं सांसद एड रॉयस ने कहा, ‘‘यहां कुल सात लोग हैं, जिन्हें :26-11 आतंकी हमले में उनकी भूमिका के लिए: न्याय प्रक्रिया के अधीन लाने की जरुरत है.’’रॉयस ने कल कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान उन पर मामला नहीं चलाता, तो मानवता के विरद्ध उनके अपराध के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के हवाले कर देना चाहिए.’’ पाकिस्तान के इन सात संदिग्धों पर नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले की योजना बनाने, वित्त पोषण और क्रियान्वित करने का आरोप है. इस हमले में 116 लोग मारे गए थे.
पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी में स्थित एक आतंक विरोधी अदालत में वर्ष 2009 से यह मामला चल रहा है, हालांकि इस बीच वहां इस मामले की सुनवाई कर रहे पांच न्यायाधीश बदले जा चुके हैं. वाशिंगटन स्थित कैप्टिल हिल में अमेरिकी भारतीय पब्लिक अफेयर्स कमेटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकियों के एक विशेष समूह को संबोधित करते हुए रॉयस ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही देश आतंकवाद से पीड़ित हैं.
इस कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष जगदीश शिवहानी ने कहा कि वर्ष 2013 के अंत तक अफगानिस्तान से अमेरिकी और मित्र राष्ट्रों की सेना की वापसी के फैसले ने क्षेत्र में चिंता की स्थिति पैदा कर दी है. उन्होंने कहा, ‘‘उस क्षेत्र में यह डर है कि कट्टरपंथी पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित तालिबान, अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा करने की पुरजोर कोशिश करेगा, जिससे उस क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो सकता है.’’