मुर्सी को सेना ने कुर्सी से हटाया, संविधान निलंबित

काहिरा : मिस्र के अपदस्थ नेता मोहम्मद मुर्सी को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के चंद घंटे बाद अधिकारियों ने उन्हें और उनके कुछ महत्वपूर्ण समर्थकों को हिरासत में ले लिया. इस सबके बावजूद मुर्सी ने कहा कि वह देश के वैधानिक नेता हैं. मीडिया में आज आई खबरों में मुस्लिम ब्रदरहुड के दो वरिष्ठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:55 PM

काहिरा : मिस्र के अपदस्थ नेता मोहम्मद मुर्सी को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के चंद घंटे बाद अधिकारियों ने उन्हें और उनके कुछ महत्वपूर्ण समर्थकों को हिरासत में ले लिया. इस सबके बावजूद मुर्सी ने कहा कि वह देश के वैधानिक नेता हैं.

मीडिया में आज आई खबरों में मुस्लिम ब्रदरहुड के दो वरिष्ठ सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि 61 वर्षीय मुर्सी को उनके शीर्ष सहयोगियों के साथ एक सैन्य प्रतिष्ठान में रखा गया है.

इसके पूर्व सुरक्षाबलों ने मुर्सी और मुस्लिम ब्रदरहुड के अन्य अग्रणी नेताओं पर यात्र प्रतिबंध लगा दिया था.

मिस्र की पुलिस ने कहा कि उसे मुर्सी की मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी के 300 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार करने का आदेश मिला है.

मिस्र सेना के कमांडर जनरल अब्देल फतह सिसी ने सरकारी टेलीविजन पर संविधान को निलंबित करने और सर्वोच्च संवैधानिक अदालत के प्रमुख अदली मंसूर को अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त करने की घोषणा की.

अल अहरम ऑनलाइन के मुताबिक मंसूर आज शपथ ग्रहण करेंगे.

सिसी ने राष्ट्रपति पद और संसदीय चुनाव कराने, संविधान की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने तथा एक राष्ट्रीय मेलमिलाप समिति बनाए जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि रोडमैप पर कई राजनीतिक समूहों की सहमति है.

अमेरिका ने मिस्र की सेना से कहा, निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपे

वाशिंगटन : मिस्र में राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को पद से हटाए जाने के बाद वहां के ताजा घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका ने मिस्र की सेना से जितनी जल्दी हो सके देश की सत्ता लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को सौंपने के लिए कहा है.

सत्ता से मुर्सी की बेदखली के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुर्सी को हटाने और देश के संविधान को निलंबित करने के मिस्री सेना के फैसले को लेकर हम बेहद चिंतित हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मिस्री सेना से कहना चाहूंगा कि वह जितनी जल्दी हो सके एक समावेशी एवं पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित नागरिक सरकार के हाथ सत्ता सौंप दे.’’ उन्होंने सेना से राष्ट्रपति मुर्सी और उनके समर्थकों की मनमानी गिरफ्तारी से बचने को कहा है.

गौरतलब है कि मिस्र की शक्तिशाली सेना ने देश में राजनीतिक संकट से निपटने के लिए मोहम्मद मुर्सी को 48 घंटे की समयसीमा दी थी, जिसके खत्म हो जाने के बाद सेना ने देश में लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए प्रथम राष्ट्रपति मुर्सी को पद से हटा दिया और देश का संविधान निलंबित कर दिया.

अमेरिकी सांसदों ने मिस्र में स्थिरता का आह्वान किया

वाशिंगटन : मोहम्मद मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के घटनाक्रम के बीच मिस्र में अशांत स्थिति के मद्देनजर अमेरिकी सांसदों ने अफ्रीकी देश में स्थिरता का आह्वान किया है और कहा कि यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथा पश्चिम एशिया में इसके सहयोगियों के हित में होगा.

उन्होंने यह कहकर मुर्सी की निन्दा की कि अपदस्थ राष्ट्रपति ने लोगों की आकांक्षाओं पर ध्यान न देने की कीमत चुकाई है.
कांग्रेस सदस्य एड रॉयस ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुर्सी ने अपने अक्षम नेतृत्व के एक साल बाद जल्द चुनाव कराने की लोगों की मांग पर ध्यान नहीं दिया. मिस्र के अधितकर लोग मानते थे कि वह संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक बाधा हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुङो उम्मीद है कि उनकी :मुर्सी: रवानगी मिस्र के लिए बेहतर भविष्य का रास्ता खोलेगी और मैं लोकतांत्रिक संस्थानों की शांतिपूर्ण स्थापना तथा नए चुनाव कराने में सहयोग के वास्ते सेना एवं राजनीतिक दलों को प्रोत्साहित करता हूं जिससे मिस्र एक ऐसा देश बने जहां अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित हों.’’

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