बीजिंग : चीन ने लद्दाख की देपसांग घाटी से अपने सैनिकों को हटाने के संबंध में कोई निश्चित तिथि बताने से इंकार कर दिया है, लेकिन साथ ही कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में नए तनाव को संभवत: ‘जल्दी ही बातचीत के जरिए सुलझा’ लिया जाएगा. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से कहा, ‘‘आपने बहुत विशेष प्रश्न किया है और मैं दोहराना चाहता हूं कि चीनी सेना भारत और चीन की सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीनी सीमा में सामान्य गश्त करती रहती है.’’ उनसे पूछा गया था कि लद्दाख घाटी के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) से चीनी सेना कब तक हटने की योजना बना रही है. चीनी सेना ने इस क्षेत्र में अपने खेमे लगाए हुए हैं.
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई वार्ता और पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच किसी भी सीमा विवाद को निपटाने के लिए तय नई प्रक्रिया का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन और भारत इस मुद्दे के पूर्ण और समुचित समाधान के लिए इसपर बातचीत कर रहे हैं.’’ यह पूछने पर कि क्या चीन भारतीय सेना द्वारा बंकरों और खंदकों के निर्माण का विरोध करती है ? प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन की सेना नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने वाले किसी भी निर्माण का कड़ा विरोध करती है.’’ चीन का मानना है कि सीमा क्षेत्र में शांति और स्थायित्व ‘दोनों पक्षों के हितों का ख्याल’ रखता है.
इस मुद्दे पर कई सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘‘हमें आशा है कि मीडिया इसे कुछ और समय देगा और थोड़ा धैर्य रखेगा. इस मुद्दे को जल्दी ही बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष उचित प्रक्रिया के तहत एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं और गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं.चुनयिंग ने कहा, ‘‘हम एक-दूसरे की स्थिति को और बेहतर समक्ष रहे हैं. दोनों पक्ष इस मुद्दे को मित्रवत बातचीत के जरिए सुलझाने के इच्छुक और समर्थ हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थायित्व बनाए रखने तथा चीन-भारत के संबंधों के बेहतर विकास को भी दोनों पक्ष इच्छुक और समर्थ हैं.’’उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रक्रिया ‘इस मुद्दे को जल्दी सुलझाने में सक्षम’ है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीमा विवाद इतिहास से जुड़ा मुद्दा है. हमारे बीच एक महत्वपूर्ण सहमति बनी है कि सीमा विवाद का द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.’’उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत सीमा क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बनाए रखते हुए दोनों पक्षों के बीच के विवादों और मतभेदों को सुलझाने पर भी राजी हैं.’’पूछने पर कि क्या वह भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की बीजिंग यात्रा की पुष्टि कर सकती हैं चुनयिंग ने कहा कि यात्रा के संबंध में सूचना उचित समय आने पर जारी की जाएगी. खुर्शीद ने कहा था कि वह नौ मई को बीजिंग की यात्रा पर जा रहे हैं लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि लद्दाख ‘घुसपैठ’ मामला नहीं सुलझने की स्थिति में भी क्या यह यात्रा होगी. आशा है कि खुर्शीद की बीजिंग यात्रा के बाद इस महीने के अंत में चीन के नवनियुक्त प्रधानमंत्री ली क्विंग नई दिल्ली की यात्रा पर आएंगे. घुसपैठ मामले से दोनों यात्राओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा या नहीं इस संबंध में किए गए सवालों को चुनयिंग टाल गईं.