इस्लामाबाद : भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं रखने वाले दोनों पड़ोसी देशों ने पीओके में एक साथ विकास परियोजना पर आगे बढ़ने का विचार किया है. एक ओर जहां पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियों और सीजफायर के उल्लंघन से भारत को परेशान कर रहा है वहीं समय-समय पर चीन की घुसपैठ ने भारत के सिर पर बल पैदा कर दिए हैं. अब ऐसे में पीओके में दोनों के एक साथ आ जाने से भारत की परेशानियां बढ़ सकतीं हैं.
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विकास संबंधी सभी परियोजनाओं पर आगे बढ़ेगा. उसने भारत की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने चीन को बुनियादी विकास की परियोजनाओं में अपनी संलिप्तता खत्म करने के लिए कहा.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि हमने कश्मीर में विकास की ऐसी किसी परियोजना का विरोध नहीं किया, जिससे कश्मीर के निवासियों को फायदा होता हो. उन्होंने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने चीन से कहा कि वह पीओके में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण की सभी परियोजनाओं को बंद कर दे.
सुषमा ने बुधवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार ने पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण संबंधी गतिविधियों में चीन व पाकिस्तान की संलिप्तता से संबंधित खबरों को देखा है. सरकार ने इस बारे में चीन को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है चीन पीओके में नीलम-ङोलम नदी पर पनबिजली परियोजना में शामिल है.