कहा जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा बोझ बाप के कंधे पर अपनी औलाद का जनाजा होता है. किसी शहर पर क्या बीतेगी अगर एक ही दिन उसकी गली-गली से मासूम बच्चों के जनाजे निकल रहे हों. बुधवार को पाकिस्तान के पेशावर शहर के साथ ऐसा ही हुआ, जहां एक दिन पहले आतंकी हमले में 132 बच्चों समेत 148 लोग मारे गये थे.
पूरे पाकिस्तान में मानो एक उबाल है. इसी का दबाव है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों को कहना पड़ा है कि ‘बस! अब बहुत हुआ. आखिरी आतंकवादी के खात्मे तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं रुकेगी.’
पेशावर : तालिबान के आत्मघाती हमले में 148 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद गहरे शोक में डूबे पाकिस्तान में बुधवार को तीन दिन का राष्ट्रीय शोक शुरू हुआ. हादसे में मरनेवालों को सामूहिक रूप से दफनाया गया. दुनिया को झकझोर देनेवाली इस घटना के चलते अशांत खैबर पख्तूनख्वा में सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे. पेशावर इसी प्रांत की राजधानी है. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा घोषित तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की वजह से पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा. शेष देश में ज्यादातर स्कूल खुले, जहां सुबह की सभा में मौन रख कर मृतकों को याद किया गया.
पीड़ितों को सामूहिक रूप से दफनाया जा रहा है और सभी तबकों के लोगों ने हमले की निंदा की और राजनीतिक नेताओं ने भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के लिए एकजुटता दिखायी. नमाज ए जनाजा में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की. तालिबान ने कहा कि यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में उनके ठिकानों पर सैन्य अभियान का बदला है.
इसलामाबाद और रावलपिंडी सहित विभिन्न शहरों में लोगों ने हमले की निंदा करने और पीड़ित परिजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए कैंडल मार्च निकाला.
इधर, पेशावर शहर में एक सैनिक स्कूल में हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर के स्कूलों में बुधवार को दो मिनट को मौन रखा गया. कुछ स्कूलों में विशेष प्रार्थनाएं की गयीं और बच्चों ने काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया. कई बच्चों ने पेशावर में मारे गये बच्चों की याद में तख्तियां ले रखी थीं.
श्रीनगर में अदा की गयी जनाजे की नमाज
पेशावर में हुए एक आतंकवादी हमले में मारे गये 148 लोगों के लिए बुधवार को स्थानीय जामिया मसजिद में जनाजे की नमाज अदा की गयी. जनाजे की नमाज का आयोजन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक की ओर से किया गया.
मीरवाइज की अगुवाई में आयोजित एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित जामिया मसजिद की नमाज में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि मासूम बच्चों की बर्बर हत्या इसलाम के सिद्धांतों के खिलाफ है.