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लखवी एमपीओ के तहत गिरफ्तार, तीन महीने के लिए फिर हिरासत में

इस्लामाबाद : मुंबई हमलों के प्रमुख षड्यंत्रकारी जकीउर रहमान लखवी को एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने आज उसे और तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया. उसे जमानत दिए जाने से भारत में रोष फैल गया था. लखवी (54) को ‘मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर’ (एमपीओ) […]

इस्लामाबाद : मुंबई हमलों के प्रमुख षड्यंत्रकारी जकीउर रहमान लखवी को एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने आज उसे और तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया. उसे जमानत दिए जाने से भारत में रोष फैल गया था. लखवी (54) को ‘मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर’ (एमपीओ) के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया गया.

अभियोजन प्रमुख चौधरी अजहर ने आज से कहा, ‘‘लखवी को आज सुबह रावलपिंडी की अडियाला जेल से रिहा किया जाना था लेकिन सरकार ने उसे 16 एमपीओ के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया.’’ उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में भारत सरकार को भी सूचित कर दिया है. इस्लामाबाद की आतंकवाद रोधी अदालत ने लखवी को कल साक्ष्य के अभाव में जमानत दे दी थी.
लखवी के वकील द्वारा जेल अधिकारियों को जमानत आदेश दिखाए जाने से पहले ही अडियाला जेल के अधीक्षक को उसे हिरासत में रखने का आदेश सौंप दिया गया. अभियोजन प्रमुख ने बताया कि सरकार ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला किया है.
अजहर ने कहा, ‘‘हमने आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) के फैसले के खिलाफ अपील तैयार कर ली है और इसे आगामी सोमवार को दाखिल करेंगे.’’लखवी को रिहा करने के फैसले पर भारत की तरफ से तीखी आलोचना हुई है. पेशावर में तालिबान द्वारा स्कूली बच्चों सहित 148 लोगों को मौत के घाट उतार देने के बाद आए इस फैसले ने अनेक लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है.
गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘नवाज शरीफ सरकार भी एटीसी के फैसले से नाराज हुई क्योंकि उसे ऐसे समय आतंकवाद से युद्ध पर अपनी नीति के लिए भारत से आलोचना का सामना करना पडा जब वह अपनी जमीं से आतंकी नेटवर्क को उखाड फेंकने का संकल्प कर रही है.’’उन्होंने कहा कि सरकार ने आगे किसी शर्मिंदगी से बचने के लिए लखवी के जेल से रिहा होने से पहले ही उसे हिरासत में लेने का त्वरित फैसला किया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा आतंकवाद से निपटने के लिए एक हफ्ते के भीतर एक ‘‘राष्ट्रीय योजना’’ की घोषणा करने का संकल्प लिए जाने के एक दिन बाद ही लखवी को जमानत मिल गयी थी.
शरीफ ने यह कहकर राष्ट्रीय योजना घोषित करने का संकल्प लिया था कि ‘‘समूचे क्षेत्र’’ से आतंकवाद का सफाया किया जाना चाहिए. सूत्र ने कहा कि मामला प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाया गया जिन्होंने तत्काल लखवी की हिरासत का आदेश दिया.
एटीसी के फैसले ने अभियोजन पक्ष के वकीलों को भी हैरत में डाल दिया था जिन्होंने कहा कि लखवी सहित मुंबई हमलों के सात आरोपियों के खिलाफ अभी करीब 15 गवाह पेश किए जाने हैं. वर्ष 2009 में मुकदमा शुरु से लेकर अब तक अभियोजन 46 गवाह पेश कर चुका है. लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर मुंबई हमलों के सिलसिले में आरोप लगाया गया है.

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