सैन्य अदालत स्थापित करने के लिए पाकिस्तान ने संशोधन विधेयक पेश किया

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने पेशावर में एक स्कूल पर हुए घातक हमले के मद्देनजर आतंकवादियों पर तेज गति से मुकदमा चलाने के उद्देश्य से विशेष सैन्य अदालत गठित करने के वास्ते देश के संविधान में संशोधन के लिए आज नेशनल असेंबली में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए. कल एक मैराथन बैठक में अदालतों की स्थापना के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 4:24 PM

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने पेशावर में एक स्कूल पर हुए घातक हमले के मद्देनजर आतंकवादियों पर तेज गति से मुकदमा चलाने के उद्देश्य से विशेष सैन्य अदालत गठित करने के वास्ते देश के संविधान में संशोधन के लिए आज नेशनल असेंबली में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए.

कल एक मैराथन बैठक में अदालतों की स्थापना के तरीके पर राजनीतिक दलों और सेना के सहमत होने के बाद विधेयक संसद में पेश किए गए.कानून, न्याय और मानवाधिकार मंत्री परवेज राशिद ने नेशनल असेंबली में 21वें संवैधानिक संशोधन विधेयक और पाकिस्तान सेना (संशोधन) विधेयक 2015 नेशनल असेंबली में पेश किए. जब विधेयक प्रस्तुत किए गए तो उस समय प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी संसद में मौजूद थे.
इन विधेयकों पर कोई चर्चा नहीं हो सकी क्योंकि सदन सोमवार अपराह्न तक के लिए स्थगित कर दिया गया. संशोधन पर चर्चा करने और इसे स्वीकार करने के लिए सोमवार को सदन की पुन: बैठक होगी.विधेयकों को दोनों सदनों..342 सीटों वाली नेशनल असेंबली और 104 सीटों वाली सीनेट में दो तिहाई बहुमत से पारित किया जाना होगा. इसके बाद ये राष्ट्रपति के पास जाएंगे और फिर संविधान का हिस्सा बनेंगे.
संशोधन से देश में सैन्य अदालतों की स्थापना को संवैधानिक दर्जा मिलेगा. कानून का उद्देश्य आतंकवादियों को कड़ा संदेश देने का है जो अकसर आम अदालतों से बच निकलते हैं. इसे आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के अनेक कदमों के एक हिस्से के रुप में कार्यान्वित किया जा रहा है. पाकिस्तान मृत्युदंड से रोक पहले ही हटा चुका है और सात दोषी आतंकवादियों को फांसी दे चुका है.
पिछले महीने पेशावर में एक स्कूल में तालिबान आतंकवादियों द्वारा किए गए कत्लेआम के बाद पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई को लेकर जूझना पड रहा है.तालिबान के इस हमले में 134 स्कूली बच्चों सहित 150 लोग मारे गए थे.

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