आतंकवादी हमले का हवाला देकर पाक ने दोस्‍ती बस सेवा को बाघा सीमा तक ही रोका

लाहौर: नई दिल्ली और लाहौर के बीच पाक-भारत दोस्ती बस सेवा शुरु होने के बाद से पहली बार पाकिस्तान ने व्यापक ‘‘आतंकी खतरे’’ का हवाला देते हुए इसका प्रवेश यहां और ननकाना साहिब शहर तक सीमित कर दिया है.पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम (पीटीडीसी) ने कहा है कि पाक-भारत दोस्ती बस सेवा अब केवल वाघा सीमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2015 3:17 PM

लाहौर: नई दिल्ली और लाहौर के बीच पाक-भारत दोस्ती बस सेवा शुरु होने के बाद से पहली बार पाकिस्तान ने व्यापक ‘‘आतंकी खतरे’’ का हवाला देते हुए इसका प्रवेश यहां और ननकाना साहिब शहर तक सीमित कर दिया है.पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम (पीटीडीसी) ने कहा है कि पाक-भारत दोस्ती बस सेवा अब केवल वाघा सीमा तक संचालित होगी.

पीटीडीसी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पीटीडीसी ने समूचा बस अभियान वाघा पर अपने उप कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया है. यहां से नई दिल्ली और अमृतसर के लिए जाने वाले यात्रियों को अब वाघा से बस पकडनी होगी. इसी तरह, सीमा पार से इस सेवा के जरिए यहां पहुंचने वाले यात्रियों को वाघा सीमा पर ही उतरना होगा.’’ उन्होंने कहा कि निर्णय बढते आतंकी खतरे के मद्देनजर किया गया है.

सोलह दिसंबर को पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल में तालिबान आतंकवादियों द्वारा 150 लोगों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद नवाज शरीफ सरकार सुरक्षा मामलों से संबंधित कोई जोखिम नहीं लेना चाहती.

पुलिस पहले वाघा से लाहौर के गुलबर्ग और ननकाना साहिब अड्डों तक बसों को सुरक्षा उपलब्ध कराती थी. इसी तरह, पुलिस गुलबर्ग और ननकाना साहिब से दोस्ती बसों को वाघा सीमा तक सुरक्षा मुहैया कराती थी.

अधिकारी ने कहा, ‘‘यद्यपि इससे दोनों तरफ के यात्रियों को परेशानी होगी, लेकिन हमने उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं.’’उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद पुराने अड्डों (गुलबर्ग और ननकाना साहिब) को बहाल करने पर विचार कर सकती है.दोनों देशों के बीच बस सेवा लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत बनाने के लिए 16 मार्च 1999 को शुरु की गई थी.

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