पेरिस: फ्रांस के सुरक्षा बलों ने 12 लोगों की हत्या करने के मामले में संदिग्ध दो भाइयों को पकडने के लिए गुरुवार से घेराबंदी बढा दी. उन्हें उत्तर पूर्व के एक कस्बे में एक कार लावारिस मिली है. इस बीच व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह अपने हमलावरों को धता बताते हुए अगले सप्ताह एक विशेष संस्करण प्रकाशित करेगी और उसकी एक लाख प्रतियां छापी जाएंगी.
पत्रिका को दिवालियापन से बचाने के लिए लोगों के समर्थन के रुप में इन्हें छापा जाएगा. बुधवार के हमले में जीवित बचे स्तंभकार पैट्रिक पेलॉक्स ने कहा कि पत्रिका अगले बुधवार को एक अंक प्रकाशित करेगी जिसमें बताया जाएगा कि ‘मूर्खता नहीं जीतेगी’.
पत्रिका के वकील रिचर्ड मल्का ने कहा कि सामान्यत: 60,000 प्रतियां छापी जाती हैं लेकिन कल की हिंसा के बाद दुनियाभर में लोगों के रुख को देखते हुए संख्या बढा दी गयी है.
फ्रांस के सुरक्षा बल ‘शार्ली हेब्दो’ नामक पत्रिका के कार्यालय पर कल हुए हमले के संदिग्ध दोनों भाइयों की तलाश कर रहे हैं. पुलिस तलाशी कर रही है वहीं आसमान में हेलीकॉप्टरों से भी नजर रखी जा रही है.
गुरुवार सुबह फ्रांस के उत्तर पूर्व में एक गैस स्टेशन पर संदिग्धों जैसे दिखने वाले दो लोगों को देखा गया. पुलिस मौके पर पहुंच गयी लेकिन बाद में अधिकारियों ने कहा कि वहां हमलावर नहीं थे.
गुरुवार को तडके मस्जिदों के पास दो विस्फोट हुए जिसके बाद आशंकाएं बढ गयीं कि पत्रिका के दफ्तर पर हमले के बाद कहीं लोग फ्रांस के बडे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ न न भडक जाएं.पेरिस के दक्षिण पश्चिम में ले मान्स में और दक्षिण पूर्व में लियोन के पास दो हमले हुए जिनमें कोई घायल नहीं हुआ.
शहर के दक्षिणी हिस्से में गोलीबारी की घटना का पता लगने के बाद फ्रांस के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी एक उच्चस्तरीय बैठक शुरु होने के महज 10 मिनट बाद छोडकर मौके पर चले गये। इस हमले में एक महिला पुलिसकर्मी मारी गयी. हमलावर अभी तक फरार है और अभी यह साफ नहीं हुआ है कि महिला पुलिसकर्मी की मौत का कल के हमले से कोई लेनादेना है या नहीं.
फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुअल वाल्स ने कहा कि दोनों संदिग्ध 32 वर्षीय शरीफ कौची और 34 वर्षीय सईद कौची अब भी फरार हैं. शरीफ को 2008 में इराक में कट्टरपंथी लडाके भेजने वाले नेटवर्क में शामिल होने के मामले में दोषी ठहराया गया था.
कल की घटना से मॉस्को से लेकर वाशिंगटन तक लोग स्तब्ध हैं और हजारों की संख्या में लोग सडकों पर देखे गए. मीडिया की आजादी और पत्रिका के समर्थन में इन लोगों ने अपने हाथ में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा गया था ‘मैं शार्ली हूं.’ फ्रांस की इस पत्रिका ने पैगम्बर पर कार्टून प्रकाशित किए थे.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने आज राष्ट्रीय शोक का एलान करते हुए इसे ‘असाधारण बर्बरता की घटना’ करार दिया और कहा कि ‘नि:संदेह यह एक आतंकी हमला’ है.अधिकारियों ने आगाह किया है कि ये दोनों हथियारबंद हैं और आगे भी खतरनाक साबित हो सकते हैं.
राष्ट्रपति ओलोंद ने फ्रांस में राष्ट्रीय ध्वज को तीन दिनों तक आधा झुकाए रखने का आदेश दिया और कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई. ओलोंद ने राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें कोई विभाजित नहीं कर सकता. स्वतंत्रता हमेशा बर्बरता से ज्यादा मजबूत रहेगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई आतंकी हमलों को हाल के ही हफ्तों में नाकाम किया गया है.’’ राष्ट्रीय एकता का परिचय देते हुए ओलोंद ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी एवं नेता प्रतिपक्ष निकोलस सरकोजी को एलिसी पैलेस आमंत्रित किया.
पेरिस में स्थानीय समयानुसार बुधवार को दिन में करीब 11 बज कर तीस मिनट के आसपास काले रंग के नकाब पहने हमलावरों ने पत्रिका के कार्यालय पर हमला किया था. पत्रिका को लंबे समय से धमकियां मिल रही थीं. इस्लाम के चित्रण के लिए 2011 में भी इसे निशाना बनाया गया था.