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श्रीलंका की सत्ता में रहने के लिए मैंने तख्तापलट की कोशिश नहीं की : महिंद्रा राजपक्षे
कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने नयी सरकार के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार के बावजूद वह सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी.राजपक्षे ने आज सुबह ट्वीट किया, ‘‘मैं चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सेना के […]
कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने नयी सरकार के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार के बावजूद वह सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी.राजपक्षे ने आज सुबह ट्वीट किया, ‘‘मैं चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए सेना के इस्तेमाल की कोशिशों को लेकर सभी संभावित रिपोटरें को खारिज करता हूं.’’ पूर्व राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह चुनाव पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘अंतिम आधिकारिक परिणाम की घोषणा के पहले ही मैंने नतीजा स्वीकार कर लिया था और नये राष्ट्रपति को बधाई दी थी.’’
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के दो शीर्ष सहयोगियों – स्वास्थ्य मंत्री राजिता सेनारत्ने और विदेश मंत्री मंगला समरावीरा ने आरोप लगाया था कि राजपक्षे ने हार के बावजूद सत्ता में बने रहने के लिए चुनाव परिणाम को जारी होने से रोकने के मकसद से सेना का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी.
समरवीरा ने कहा कि सरकार प्राथमिकता के साथ एक आधिकारिक जांच का आदेश देगी. समरवीरा ने कहा, ‘‘लोग सोचते हैं कि यह एक शांतिपूर्ण परिवर्तन था. ऐसा नहीं था..’’ उन्होंने कहा कि असल में राजपक्षे ने सेना और पुलिस प्रमुखों को रजामंद करने की कोशिश की थी कि वे सत्ता में बने रहने में और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग के साथ उनकी मदद करें.
वर्ष 2005 से 10 साल तक शासन करने वाले राजपक्षे ने शुक्रवार को अपना सरकारी आवास छोड़ दिया और सुगम सत्ता हस्तांतरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी सराहना हुई.
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