वाशिंगटन : अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन ‘नासा’ और अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री व वायुमंडलीय शोध संस्थान (एनओएए) की ओर से जारी एक आंकड़े के अनुसार साल 2014, 1880 के बाद का सबसे गर्म साल रहा. शोध रिपोर्ट में बताया गया कि 1880 से तापमान रिकार्ड किया जाता है, तब से लेकर अब तक में 2014 में रिकार्ड तापमान सबसे गर्म रिकार्ड किया गया है. इसे इतिहास का सबसे गर्म साल माना जा रहा है.
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि पिछले दस सालों से पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. नासा का कहना है कि वायुमंडल में छोड़े जाने वाली जहरीली गैस के कारण ऐसा हो रहा है. अगर यही स्थिति रही तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने पृथ्वी के तापमान को डेढ़-दो डिग्री सेल्सियस कम करने का जो लक्ष्य उठाया है, वह पूरा नहीं हो पाएगा और इक्कीसवीं शताब्दी में तापमान 3-4 डिग्री बढ़ जाएगा.
इस वज़ह से पृथ्वी पर मीठे पानी की कमी हो जाएगी, समुद्रों का जलस्तर इतना बढ़ जाएगा कि कुछ द्वीप और तटवर्ती इलाके समुद्र में डूब जायेंगे तथा मौसम बड़ी तेज़ी से बदला करेगा.साल 2014 के इस रिकॉर्ड में रूस, पश्चिमी अलास्का, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका, यूरोप के कई हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी और पश्चिमी तटवर्ती इलाके को सबसे गर्म जगहों के तौर पर रिकार्ड किया गया. वहीं यूनाइडेट स्टेट्स के पूर्वी और मध्य इलाकों में रिकॉर्ड ठंड पड़ी.
नासा और एनओएए के अनुसार साल 2014 में दर्ज किया औसत तापमान 58.24 डिग्री फारेनहाइट रहा, जो अब तक के इतिहास का सबसे गर्म साल माना जा सकता है. यह 20वीं सदी के औसत से 1.24 फारेनहाइट अधिक है. एनओएए और नासा ने अलग-अलग 2014 के तापमान का अध्ययन किया लेकिन दोनों ने जब अपने आंकड़े मिलाये तो उसमें साल 2014 को सबसे गर्म साल बताया गया.
नासा ने बताया कि साल 2014 में धरती का तापमान औसत तापमान 58.24 डिग्री फारेनहाइट रहा जो साल 1951-1980 के तापमान से 1.22 डिग्री फारेनहाइट अधिक है. अमेरिका में साल 1985 को अंतिम सबसे ठंढे साल के रूप देखा गया था. फरवरी 1985 बाकी महीनों की तुलना में सबसे ठंढा रिकार्ड किया गया था.