श्रीलंका के नये राष्ट्रपति सिरिसेना चीन के साथ संबंध बढाने के लिए है उत्साहित
कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना चीन के साथ संबंध मजबूत करने को लेकर उत्साहित हैं और उन्होंने चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग की पिछले साल की श्रीलंका यात्रा के दौरान प्राप्त ‘नतीजों’ को लागू करने का आश्वासन दिया है. यहां चीन के दूतावास से जारी एक बयान के मुताबिक सिरिसेना ने चीनी […]
कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना चीन के साथ संबंध मजबूत करने को लेकर उत्साहित हैं और उन्होंने चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग की पिछले साल की श्रीलंका यात्रा के दौरान प्राप्त ‘नतीजों’ को लागू करने का आश्वासन दिया है. यहां चीन के दूतावास से जारी एक बयान के मुताबिक सिरिसेना ने चीनी राजदूत वू जियानघाव से कहा, ‘नयी सरकार चीन के साथ मिलकर राजकीय यात्रा के नतीजे को नियमित आधार पर लागू करेगी, विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग मजबूत करेगी तथा श्रीलंका चीन संबंधों को आगे ले जाएगी.’
बयान के मुताबिक वू ने कल सिरिसेना से भेंट की और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी. सिरिसेना ने बधाई संदेश के लिए शी को धन्यवाद दिया और चीनी राष्ट्रपति की पिछले साल सितंबर में हुई श्रीलंका की सफल यात्रा को याद किया. कोलंबो यात्रा के दौरान शी ने कोलंबो बंदरगाह का विस्तार करने के लिए 1.4 अरब डालर के बंदरगाह सिटी की आधारशिला रखी थी. उसकी और उसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे द्वारा लिए गए भारी ऋण की तत्कालीन विपक्ष ने कडी आलोचना की थी.
इस बंदरगाह की भारत के पडोस में चीन की महत्वाकांक्षी समुद्री रेशम मार्ग परियोजना में अहम भूमिका होने की संभावना है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इसी बीच चीन ने श्रीलंका में बाढ राहत प्रयासों के लिए 30 लाख डालर भी दिए. आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार श्रीलंका में बाढ के फलस्वरुप करीब आठ लाख लोग प्रभावित हुए जबकि 80 हजार विस्थापित लोगों को शिविरों में ठहराना पडा.
वू ने कहा, ‘पारंपरिक मैत्रीवत पडोसी श्रीलंका और चीन ईमानदार साझेदार साबित हुए हैं. चीन ने हमेशा ही द्विपक्षीय संबंधों को महत्व दिया है और वह सहयोग के लिए चीन श्रीलंका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढाने में लगा रहेगा.’ राजपक्षे के शासनकाल में दोनों देशों के बीच संबंध ऐतिहासिक उंचाई तक पहुंच गया था. वैसे शी और चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग ने श्रीलंका के नये नेतृत्व को बधाई दी है लेकिन वू की सिरिसेना से भेंट नये राष्ट्रपति से पहला आधिकारिक संपर्क है.
चुनाव प्रचार के दौरार सिरिसेना और नये प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघ ने चीन द्वारा भारी निवेश की आलोचना की थी और कहा था कि ये ऊंची ब्याज दर पर लिए गए और उससे श्रीलंका भारी बोझ तले दब जाएगा. राजपक्षे के शासनकाल के दौरान चीन ने अरबों डालर के ऋण एवं परियोजनाओं से श्रीलंका में अपनी पहुंच बढायी है.