मानवाधिकार समूह एमनेस्‍टी ने पाक से फांसी की सजा पर की रोक की मांग

लंदन: एक शीर्ष मानवाधिकार समूह ने पाकिस्‍तान के पेशावर के स्कूल में हमले की पृष्ठभूमि में मौत की सजा पर से पांबंदी खत्म करने के बाद से देश में लगातार बढ़ते मृत्युदंड पर रोक लगाने को कहा है. मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि हिंसा रोकने के लिए अपराध पर कड़ी कार्रवाई के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2015 5:02 PM
लंदन: एक शीर्ष मानवाधिकार समूह ने पाकिस्‍तान के पेशावर के स्कूल में हमले की पृष्ठभूमि में मौत की सजा पर से पांबंदी खत्म करने के बाद से देश में लगातार बढ़ते मृत्युदंड पर रोक लगाने को कहा है.
मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि हिंसा रोकने के लिए अपराध पर कड़ी कार्रवाई के तहत, और अधिक लोगों की जान लेना जवाब नहीं हो सकता. मृत्युदंड पर लगी पाबंदी पिछले साल 17 दिसंबर को हटाए जाने के बाद से, पाकिस्तान में आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे करीब 500 कैदियों को फांसी दी जा सकती है. पिछले एक महीने में पाकिस्तान ने कई कैदियों को फांसी की सजा दी है.
समूह के एशिया प्रशांत के उप निदेशक डेविड ग्रिफिट्स ने कहा कि पाकिस्तान में फांसी में इजाफा रुकना चाहिए. पेशावर हमला बहुत बर्बर था, पर हिंसा को रोकने के लिए जो किया जा रहा है वह बहुत कड़ा है तथा और हत्याएं इसका जवाब नहीं हो सकतीं.
उन्होंने कहा ‘सरकार को मृत्युदंड को खत्म करने के नजरिए से फांसी पर तुरंत पाबंदी लगाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल किसी भी स्थिति में मृत्युदंड दिए जाने का विरोध करता है. पाकिस्तान में इसका इस्तेमाल बहुत परेशान करने वाला है क्योंकि कई आरोपियों को मृत्युदंड की सजाएं सही तरीके से मुकदमा चलाए बिना ही सुना दी गई.
ग्रिफिट्स ने कहा कि सात कामजाजी दिनों में मुकदमा संपन्न करने को लेकर न्यायाधीशों पर भी दबाव है.

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