मध्य एशिया की गैस तक भारत की पहुंच नहीं चाहेगा चीन

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों को बताया गया है कि चीन नहीं चाहेगा कि भारत तापी पाइपलाइन के जरिए मध्य एशिया में गैस तक पहुंच सुनिश्चित करे क्योंकि उस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधन को लेकर दोनों देशों के हितों में टकराव है. सेंटर फार स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज एनर्जी एंड नेशनल सिक्युरिटी प्रोग्राम में रिसर्च फेलो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2013 4:15 PM

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों को बताया गया है कि चीन नहीं चाहेगा कि भारत तापी पाइपलाइन के जरिए मध्य एशिया में गैस तक पहुंच सुनिश्चित करे क्योंकि उस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधन को लेकर दोनों देशों के हितों में टकराव है. सेंटर फार स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज एनर्जी एंड नेशनल सिक्युरिटी प्रोग्राम में रिसर्च फेलो एडवर्ड चाउ ने संसद की एक बैठक में कहा, ‘‘ मुङो लगता है कि यह मानना उचित है.’’चाउ से पूछा गया था कि क्या चीन चाहेगा कि मध्य एशिया में गैस तक भारत की पहुंच स्थापित हो.

विदेश मंत्रालय को तापी गैस पाइपलाइन पर सलाह दे रहे चाउ ने कहा, ‘‘ यह (तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन) एक बहुत चुनौतीपूर्ण परियोजना है. मैं इस उद्योग में काफी लंबा समय बिता चुका हूं.’’‘‘ प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं इसमें शामिल हैं. राजनीतिक और सुरक्षा के लिहाज से इसे पूरा किया जा सकता है या नहीं, हमें इसका पता लगाना होगा.’’

चाउ ने कहा, ‘‘ आप कह रहे हैं कि यह एक चुनौतीपूर्ण परियोजना है, लेकिन अभियांत्रिकी के लिहाज से यह चुनौतीपूर्ण नहीं है. चुनौती राजनीतिक निर्णय और अफगानिस्तान व उस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता को लेकर है.’’उन्होंने कहा, ‘‘ भारत निश्चित रुप से एक महत्वपूर्ण ग्राहक होगा, लेकिन चीन नहीं चाहेगा कि इस तरह का ऐसा कुछ हो.’’

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