संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लीबिया में इस्लामिक चरमपंथी समर्थित बंदूकधारियों (मिलीशिया) द्वारा घोषित संघर्षविराम का स्वागत किया है और शांति प्रयासों को बाधित करने वालों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है. 15 सदस्यीय परिषद ने जिनीवा में अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में होने वाली वार्ताओं के दूसरे दौर का समर्थन करते हुए इसमें, सभी संघर्षरत पक्षों से शामिल होने की अपील की है.
पहले दौर की वार्ताओं के फलस्वरुप लीबिया में एक एकीकृत सरकार बनाने से जुडे रोडमैप पर समझौता हुआ था. जिनीवा वार्ता के पहले दौर में द फज्र लीबिया (लीबिया डॉन) ने शिरकत नहीं की थी और शुक्रवार को इसने ही संघर्षविराम की घोषणा की. परिषद ने एक बयान में कहा, ‘लीबिया में संकट का कोई सैन्य हल नहीं हो सकता.’ इसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र का शीर्ष निकाय, ‘लीबिया की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों और इस राजनीतिक हस्तांतरण के सफलतापूर्वक पूरा होने में बाधा या रुकावट पैदा करने वालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है.’
लीबिया में वर्ष 2011 में मुअम्मर कज्जाफी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से संघर्ष जारी है. प्रतिद्वंद्वी सरकारें और ताकतवर मिलिशिया शहरों पर और देश की तेल संपदा पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए लडाई लड रहे हैं. फज्र लीबिया द्वारा घोषित संघर्षविराम से हिंसा को खत्म करने के उद्देश्य से मुख्य पक्षों को समझौते के लिए एक साथ लाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को बल मिला है. फज्र लीबिया ने पिछली गर्मियों में त्रिपोली पर कब्जा कर लिया था. मिसराता पर भी उसका अधिकार है.