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अंदर की बात : जानिये कैसे मोदी के बुलावे पर ओबामा भारत आने को राजी हुए!

वाशिंगटन : गणतंत्र दिवस के परेड में मुख्य अतिथि के रुप में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को आमंत्रित करने का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का था जो विदेशी नीति के मुद्दों पर लीक से हट कर सोचने के लिए जाने जाते हैं. सूत्रों ने इस बारे में बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

वाशिंगटन : गणतंत्र दिवस के परेड में मुख्य अतिथि के रुप में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को आमंत्रित करने का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का था जो विदेशी नीति के मुद्दों पर लीक से हट कर सोचने के लिए जाने जाते हैं.
सूत्रों ने इस बारे में बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपने इस विचार को अपने निकट के लोगों से साझा किया, फिर अमेरिका में भारत के राजदूत एस. जयशंकर से इसे अमेरिकियों के साथ आगे बढाने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति को आमंत्रित करने का विचार प्रधानमंत्री मोदी से आया था. प्रधानमंत्री कार्यालय ने जयशंकर से कहा कि वह इस विचार की संभावना तलाश करें और व्हाइट हाउस का रुख देखें.
इसके बाद, जयशंकर ने इसके लिए कई बैठकें कीं जिनमें उन्होंने अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों को गणतंत्र दिवस का महत्व बताया और अमेरिका ने जाहिर किया कि उसे यह विचार पसंद है.
उन्होंने कहा, एक तरह से यह (किसी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित करना) राजनीतिक संदेश देना होता है. सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी पक्ष ने प्रधानमंत्री का राजनीतिक संदेश पसंद किया और इसपर फैसला करने में थोड़ा वक्त लिया और अंत में राजदूत को ‘हां’ की सूचना दी. इसके बाद प्रक्रिया को ट्विटर कूटनीति के हवाले कर दिया गया.
इसके बाद मोदी ने ट्विटर पर घोषणा की कि उन्होंने ओबामा को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है. अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा, मेरा मानना है कि भारत यात्रा को एशिया प्रशांत एवं अधिक विस्तार से कहें तो उभरते क्षेत्रों पर ओबामा के फोकस के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. अधिकारी ने कहा कि ओबामा प्रशासन लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता और बाजारों को खोलने, दोनों ही संदर्भों में अमेरिकी विदेश नीति के लिए एशिया को महत्वपूर्ण मानता है.
वहीं, सूत्रों के अनुसार, द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के आकलन के लिए ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बहुत सी चर्चाएं होंगी. उन्होंने माना कि दोनों नेता क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन उन्होंने यह भी माना कि अर्थव्यवस्था से जुडे मुद्दे इन चर्चाओं में प्रमुखता से छाए रह सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकास प्रक्रिया को तेज करने के लिए विदेशी नीति को एक ताकतवर औजार माने जाने का अवलोकन करते हुए अधिकारी ने कहा कि चर्चा में विकास अर्थव्यवस्था से जुडे मुद्दे पर्याप्त संख्या में शामिल होंगे और बदले में अमेरिका को कारोबार मिलेगा.
यह अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के लक्ष्यों में से एक है. सूत्रों के अनुसार, भारत अमेरिकी कंपनियों का निवेश और अमेरिकी संस्थानों का सहयोग चाहता है और इससे अमेरिकी क्षमताओं का भारत में उपयोग किए जाने के अवसर खुल रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि इस तरह के कदम से भारत के विकास को तीव्र गति मिलेगी.

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