भारत-अमेरिका के प्रगाढ संबंधों का मकसद चीन को थामना नहीं : व्हाइट हाउस
नयी दिल्ली : भारत-अमेरिका के प्रगाढ होते रिश्तों को लेकर चीन की चिंताएं खारिज करते हुए ‘व्हाइट हाउस’ ने आज कहा कि इस रिश्ते का मकसद चीन को ‘काबू में करना’ या उसे ‘थामना’ कतई नहीं है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार बेन रोड्स से जब चीन के सरकारी मीडिया की टिप्पणी के बारे में […]
नयी दिल्ली : भारत-अमेरिका के प्रगाढ होते रिश्तों को लेकर चीन की चिंताएं खारिज करते हुए ‘व्हाइट हाउस’ ने आज कहा कि इस रिश्ते का मकसद चीन को ‘काबू में करना’ या उसे ‘थामना’ कतई नहीं है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार बेन रोड्स से जब चीन के सरकारी मीडिया की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह गौर करने वाली बात है कि उन्हें (चीन को) इस यात्रा पर टिप्पणी करने के लिए विवश होना पडा.’
चीन की सरकारी संवाद समिति ‘शिन्हुआ’ ने जलवायु परिवर्तन एवं परमाणु ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दों पर मतभेद की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदा भारत यात्रा को ‘सतही घनिष्ठता’ करार दिया था. रोड्स ने कहा, ‘मैं अपनी प्रतिक्रिया में कहूंगा कि अमेरिका और भारत एशिया-प्रशांत में जिस तरह से मुद्दे से निपटते हैं वह इस मायने में एक ही जैसा है कि कोई भी चीन को काबू में नहीं कर रहा या न ही उसके साथ कोई टकराव की कोशिश कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग क्षेत्रों में चीन से अमेरिका और भारत दोनों के संबंध बहुत घनिष्ठ हैं.’ बहरहाल, रोड्स ने पुष्टि की कि ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कल हुई द्विपक्षीय वार्ता में चीन पर चर्चा की गई थी. राष्ट्रपति ओबामा के शीर्ष सहयोगी रोड्स ने कहा, ‘चीन के बाबत मेरा मानना है कि वह संकेत, यह एक गलत रूख नहीं है, बल्कि ऐसी चीज है जिसमें हमारे साथ दो बहुत बडे देश हैं जो एशिया में नियमों पर आधारित व्यापार करने के तौर-तरीकों के प्रति प्रतिबद्ध हैं. मेरा मानना है कि यह एक स्थिरता प्रदान करने वाला बल होगा.’