लंदन : भारत की ओर से भेजे गये 30 लाख पैरासिटामॉल के पैकेट की पहली खेप रविवार को ब्रिटेन पहुंचेगी. ब्रिटिश सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते लागू प्रतिबंध के बावजूद इस महत्वपूर्ण दवा का निर्यात करने पर भारत सरकार का आभार व्यक्त किया. विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय में दक्षिण एशिया और राष्ट्रमंडल मामलों के राज्यमंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा कि यह खेप अभूतपूर्व वैश्विक संकट के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक है.
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अहमद ने कहा कि ब्रिटेन और भारत कोविड-19 के खतरे का मुकाबला करने के लिए साझेदारी के तहत मिलकर काम करेंगे. मैं ब्रिटिश सरकार की ओर से भारत को दवा भेजने का फैसला करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने बताया कि यह दवा विमान के जरिये रविवार को ब्रिटेन पहुंचेगी और यह ऐसे समय हो रहा है, जब ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में फंसे अपने हजारों नागरिकों को निकालने लिए विशेष विमानों की व्यवस्था की जा रही है.
अहमद ने कहा कि हम भारतीय प्रशासन, लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग, विदेश मंत्रालय और भारत में राज्यों के स्तर पर काम कर रहे हैं, ताकि ब्रिटेन वापस आने के इच्छुक ब्रिटिश नागरिकों की वापसी के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में गोवा, मुंबई, अमृतसर, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम वाया कोच्चि, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई वाया बेंगलुरु ब्रिटिश नागरिकों को निकाला जाएगा.
अहमद ने बताया कि ब्रिटेन की उड़ान भरने से पहले यह जांच की जाएगी कि किसी में कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण तो नहीं है और यहां लाने के बाद उन्हें अन्य ब्रिटिश नागरिकों की तरह आइसोलेशन के नियम का अनुपालन करना होगा. मंत्री ने बताया कि भारत में अनुमान है कि 21 हजार ब्रिटिश नागरिक इस समय मौजूद हैं, जिनमें से पांच हजार लोगों को इस हफ्ते वापस लाया जाएगा और अगले हफ्ते 19 विशेष विमानों से भारत के विभिन्न शहरों से ब्रिटिश नागरिकों को लंदन लाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि यात्रियों को इन विशेष विमानों में 600 से 650 पाउंड की दर से टिकट की बुकिंग करने का विकल्प दिया जाएगा और जो लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, उन्हें ब्याजमुक्त कर्ज लेने का विकल्प दिया जाएगा, जिसे उन्हें छह महीने में चुकाना होगा. नयी दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन वापस जाने के इच्छुक जिन लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है, उनमें से सबसे असुरक्षित लोगों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी.
ब्रिटिश उच्चायोग ने बताया कि अप्रैल के अंत तक अधिकतर ब्रिटिश नागरिकों को वापस भेजने का लक्ष्य रखा गया है. भारत में फंसे ब्रिटिश नागरिकों को वापस लाने के लिए जाने वाले विमानों में ब्रिटेन में फंसे भारतीय नागरिकों को भेजने के सवाल पर अहमद ने कहा कि इस पर फैसला भारतीय प्रशासन लेगा, क्योंकि वहां पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध है.
अहमद ने कहा कि संकट के समय ब्रिटेन में फंसे भारतीयों की मदद करने के लिए सहयोग की भावना के तहत कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें वीजा अवधि को मई तक बढ़ाना, भारतीय छात्रों को ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में रहने की व्यवस्था करना शामिल है.