बीजिंग : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज भारत और चीन के बीच संबंधों को सकारात्मक रूप से प्रोत्साहित करने में मीडिया द्वारा निभायी जाने वाली भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि दोनों एशियाई महाशक्तियों के बीच संबंधों को आगे बढाने में मीडिया की मुख्य भूमिका है.
सुषमा स्वराज ने अपनी चीन यात्रा की शुरुआत करते हुए सूचना मंत्री जियांग जियांगुओ के साथ एक मीडिया फोरम को संबोधित किया जहां उन्होंने एक-दूसरे के हितों और नजरिए को प्रोत्साहित करने में मीडिया की भूमिका के बारे में चर्चा की. सुषमा ने कुल मिलाकर स्वतंत्र भारतीय मीडिया की तुलना में चीन में सरकार संचालित मीडिया का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा, ‘यह भूमिका काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक देश का अपना राष्ट्रीय चरित्र होता है.’
विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने में चीन के ह्वेनसांग और भारत के कुमारजीवा जैसे प्राचीन विद्वानों के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, ‘चीनी विद्वानों और पत्रकारों तथा भारतीय विद्वानों और पत्रकारों के बीच ह्वेनसांग और कुमारजीवा की भावना को पुनर्जीवित करना महत्वपूर्ण है.
जियांग ने इस पर चीनी और भारतीय मीडिया से मैत्रीपूर्ण सहयोग के जरिए द्विपक्षीय संबंधों की प्रभावी दिशा का ध्यान रखने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों में मीडिया अधिकतर भारत-चीन आर्थिक और कारोबारी संबंधों पर अधिक रिपोर्ट करता है.
उन्होंने प्रस्ताव किया कि दोनों देशों में मीडिया संगठनों को पत्रकारों की आवाजाही, लेखों और समाचारों के विचारों के आदान प्रदान को प्रोत्साहित कर संवाद सहयोग के नये माध्यमों की संभावनाएं तलाशनी चाहिए. उन्होंने संयुक्त साक्षात्कारों का भी सुझाव दिया.
जियांग ने कहा, ‘हालिया वर्षो में चीन-भारत संबंधों में चहुंमुखी विकास हुआ है. हमारा आपसी रणनीतिक भरोसा बढा है. हमारे हित लगातार एक दूसरे के साथ गुंथ रहे हैं.’ इस अवसर पर दोनों देशों के पत्रकारों ने भारत और चीन के संबंधों में सुधार में मीडिया की भूमिका से जुडे विभिन्न मुद्दों पर एक दूसरे से चर्चा की.