बांग्लादेश ने खालिदा जिया समर्थित प्रदर्शनकारियों को दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
ढाका : बांग्लादेश सरकार ने देश में जारी राजनीतिक अशांति की समाप्ति के लिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत दोषियों के खिलाफ मौत की सजा जैसी कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है. बांग्लादेश प्रशासन ने बीती रात अशांति फैलाने वालों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मौत की सजा […]
ढाका : बांग्लादेश सरकार ने देश में जारी राजनीतिक अशांति की समाप्ति के लिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत दोषियों के खिलाफ मौत की सजा जैसी कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है. बांग्लादेश प्रशासन ने बीती रात अशांति फैलाने वालों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मौत की सजा जैसी कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी. सरकार की इस चेतावनी से कुछ ही घंटे पूर्व बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी रहेंगे.
उन्होंने कहा था, मैं कोई भी परिणाम भुगतने को तैयार हूं. आंदोलन का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. उनके इस बयान के तुरंत बाद सरकारी टेलीविजन पर चेतावनी दी गयी कि वाहनों पर पेट्रोल बम फेंककर लोगों को जिंदा जलाने जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों को मौत की सजा दी जाएगी.
आतंकवाद विरोधी कानून को लागू करने की सरकार की योजना से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि सरकार अशांति से निपटने के लिए नए कानूनों को लागू किए जाने के विकल्प की समीक्षा के बाद मौजूदा कानूनों को लागू करने को तरजीह दे रही है. इस बीच, पंचगढ में एक अदालत ने जिया पर आगजनी भडकाने का आरोप लगाने वाले एक मामले का संज्ञान लिया है. इस संबंध में शिकायत सत्तारुढ पार्टी अवामी लीग के समर्थक ने दाखिल की थी.
गृह मंत्रालय ने भी कानून के तहत हिंसा को भडकाने और उसे संरक्षण देने के खिलाफ अन्य कानूनी प्रावधानों को रेखांकित करते हुए एक बयान जारी किया है. इस कानून में पिछले साल ही संशोधन कर कड़ी कार्रवाई के प्रावधान को शामिल किया गया था.
ढाका और मध्य कोमिला में भी पुलिस ने पहले ही जिया के खिलाफ आगजनी के दो मामलों में इस प्रकार के आरोप लगाए हैं. इन घटनाओं में 12 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे. जिया पर इन मामलों में हमलों का आदेश देने का आरोप लगाया गया है और विधि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जांच में हिंसा भडकाने में उनकी संलिप्तता पायी जाती है तो पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है.
उनकी पार्टी के कई नेताओं को हिंसा के मामलों में आरोपों का सामना करने के लिए जेल में डाला गया था जिनमें बीएनपी के कार्यकारी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर शामिल हैं. जिया ने हालांकि अशांति के चलते मारे गए लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेने से इंकार करते हुए कहा, हम लोगों की जान पर राजनीति नहीं करते. उन्होंने अपनी धुर प्रतिद्वंद्वी और प्रधानमंत्री शेख हसीना को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.