इबोला जैसी महामारी से मुकाबले की तैयारी पर संयुक्त राष्ट्र में तेज हुई चर्चा

संयुक्त राष्ट्र : विश्व के तीन प्रमुख नेताओं का मानना है कि विनाशकारी इबोला महामारी के फैलने से अंतरराष्ट्रीय आपदा राहत प्रणाली की कमजोरी उजागर हुई है और अब इसके समाधान की जरुरत है. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, नार्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग और घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 1:31 PM

संयुक्त राष्ट्र : विश्व के तीन प्रमुख नेताओं का मानना है कि विनाशकारी इबोला महामारी के फैलने से अंतरराष्ट्रीय आपदा राहत प्रणाली की कमजोरी उजागर हुई है और अब इसके समाधान की जरुरत है.

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, नार्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग और घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से कहा है कि एक उच्च स्तरीय पैनल और आयोग का गठन किया जाए जो यह रिपोर्ट दे सके कि इस तरह की महामारी के समय किस प्रकार विश्व आपस में सहयोग करते हुए तेजी से राहत कार्रवाई कर सकता है.
कल संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को इस आशय का एक पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि इबोला से सर्वाधिक प्रभावित तीन देशों में इसके मामलों में कमी आ रही है लेकिन हम राहत की सांस नहीं ले सकते.
इबोला के फैलने के बाद से अब तक विश्वभर में 9,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस महामारी पर अपनी प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना के घेरे में आए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि इबोला के मामलों की संख्या शून्य पर लाना अभी भी चुनौती है.

Next Article

Exit mobile version