पॉल ने ब्रिटेन में भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री कैमरन पर किया हमला

लंदन: प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटिश निवासियों के स्विस बैंक खातों को लेकर संसद में बहस में अपना नाम आने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पर करारा प्रहार किया है. कपारो ग्रुप ऑफ इंडस्टरीज के अध्यक्ष पॉल उन धनवानों में शामिल हैं जिनके स्विटरजरलैंड में एचएसबीसी बैंक में कानून […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2015 4:39 PM

लंदन: प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटिश निवासियों के स्विस बैंक खातों को लेकर संसद में बहस में अपना नाम आने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पर करारा प्रहार किया है.

कपारो ग्रुप ऑफ इंडस्टरीज के अध्यक्ष पॉल उन धनवानों में शामिल हैं जिनके स्विटरजरलैंड में एचएसबीसी बैंक में कानून सम्मत खाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके सभी बैंक खाते वैध हैं.कल हाउस ऑफ कॉमंस में स्विस बैंक खातों के मुद्दे पर कैमरन और लेबर पार्टी के नेता एड मिलिबैंड में तीखी नोंकझोंक हुई थी। मिलिबैंड ने कहा था कि जिन लोगों के स्विस बैंक खाते हैं उनमें सात ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सत्तारुढ कंजरवेटिव पार्टी को करीब 50 लाख पाउंड चंदा दिया था.
कैमरन ने पलटवार किया कि सूची में लेबर दानकर्ता लॉड पॉल का नाम भी है जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन के चुनाव अभियान के लिए चंदा दिया था। बताया जाता है कि पॉल ने लेबर पार्टी को पांच लाख पाउंड दिया था.इस पर मिलिबैंड ने कहा कि स्विस बैंक खाताधारकों में किसी ने भी एक भी पैसा लेबर पार्टी को नहीं दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘‘कुटिल दानदाताओं से घिरा कुटिल प्रधानमंत्री’’ तक कह डाला.
पॉल ने बाद में एक बयान में कहा कि कैमरन को सवालों को जवाब देने की बजाय साउंड बाइट देने की आदत है.उन्होंने कहा कि उन्होंने 1993-2009 के दौरान लेबर पार्टी को दान दिया था और ये दान कपारो कंपनी की तरफ से दिए गए थे जिसकी बैलेंस शीट में दान का उल्लेख है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जब उन्होंने दान दिया तब वह उसके सदस्य थे. वह 2010 में पार्टी से अलग हो गए और अब किसी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं. उन्होंने कैमरन को आत्मनिरीक्षण की सलाह दी और कहा कि उनके कार्यकाल में देश में भ्रष्टाचार बढा है. पॉल ने ब्राउन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह ब्रिटेन के सर्वोत्तम और सबसे ईमानदार प्रधानमंत्रियों में हैं.

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