कोलंबो : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा से पहले शुक्रवार को यहां पहुंचेंगी. मोदी की यह यात्रा पिछले 25 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. संडे टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार अपनी दो दिनों की यात्रा के दौरान सुषमा श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे से मिलेंगी और अपने समकक्ष मंगला समरवीरा से वार्ता करेंगी. सुषमा के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से भी मिलने की उम्मीद है.
सुषमा की इस यात्रा को 13 मार्च को मोदी की यात्रा की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के श्रीलंका के अपने पहले दौरे में तमिल बहुल उत्तरी प्रांत के युद्ध प्रभावित जाफना और पूर्वी प्रांत के त्रिंकोमाली की यात्रा करने की उम्मीद है. खबर में राष्ट्रपति सचिवालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मोदी श्रीलंका की यात्रा के दौरान जाफना, अनुराधापुर और कैंडी का दौरा करेंगे.
इसमें यह भी कहा गया कि मोदी कैंडी के बौद्ध मंदिर दलादा मलिगावा की यात्रा करेंगे और साथ ही रियल स्टेट क्षेत्र की भारतीय आवासीय परियोजनाओं का भी निरीक्षण करेंगे. सिरीसेना ने राष्ट्रपति बनने के बाद पिछले महीने अपने पहले विदेश दौरे के तहत भारत की यात्रा की थी. इस दौरान दोनों देशों ने एक असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया था. मोदी को मूल रूप से श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने आमंत्रित किया था.
लेकिन श्रीलंका में चीन द्वारा बंदरगाहों, राजमार्गों और दूसरी बुनियादी परियोजनाओं में भागीदारी के साथ बढे प्रभाव की वजह से राजपक्षे के कार्यकाल में भारत-श्रीलंका के संबंध शिथिल पड गए थे. 1987 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली श्रीलंका यात्रा होगी. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी श्रीलंका के दौरे पर गए थे.
उस यात्रा के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान राजीव पर एक श्रीलंकाई नौसेना कर्मी ने रायफल की कुंद से हमला किया था. खबर में कहा गया कि मोदी की श्रीलंका यात्रा उनकी हिन्द महासागर के चार देशों की यात्रा का हिस्सा है. वह श्रीलंका के अलावा मॉरीशस, सेशेल्स और मालदीव की यात्रा करेंगे. हालांकि मालदीव में जारी राजनीतिक संकट की वजह से उनके वहां की यात्रा अनिश्चित लग रही है.