मिस्र में आपातकाल लागू

काहिरा: मिस्र में बुधवार को सुरक्षा बलों ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थन में पिछले कई दिन से प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए बुल्डोजरों और बख्तरबंद वाहनों के साथ उनके दो विशाल प्रदर्शन शिविरों पर धावा बोल दिया. इस दौरान हुए भीषण रक्तपात में करीब 278 लोगों की मौत हो गई. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2013 12:45 AM

काहिरा: मिस्र में बुधवार को सुरक्षा बलों ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थन में पिछले कई दिन से प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए बुल्डोजरों और बख्तरबंद वाहनों के साथ उनके दो विशाल प्रदर्शन शिविरों पर धावा बोल दिया. इस दौरान हुए भीषण रक्तपात में करीब 278 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद सरकार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया.

सरकारी टेलीविजन पर पढ़े गए राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे से (भारतीय समयानुसार शाम साढ़े सात बजे) पूरे देश में आपातकाल लागू किया जाता है. आपातकाल एक महीने तक लागू रहेगा. इसके तहत सेना को सुरक्षा से संबंधित सभी आवश्यक कदम उठाने के अधिकार मिल गए हैं.

गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा है कि काहिरा के पूर्व में स्थित रबा अल अदाविया मस्जिद तथा नहदा चौक पर मौजूद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा बल जरुरी कदम उठा रहे हैं. सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर अलग-अलग खबरें आ रही हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 278 लोग मारे गए हैं, जबकि मुस्लिम ब्रदरहुड ने मृतकों की संख्या कहीं अधिक बताई है. अल जजीरा ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि मरने वालों में पुलिस बल के 43 सदस्य शामिल हैं. मुर्सी के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड ने दावा किया है कि 2,200 लोग मारे गए हैं और करीब 10,000 लोग घायल हुए हैं.

गृह मंत्रालय के अनुसार 543 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. टेलीविजन फुटेज में नहदा चौक पर चारों ओर धुआं उठता दिखाई दिया. चौक को बाद में पूरी तरह खाली करा लिया गया.कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के शिविरों पर बुल्डोजर भी चलाए गए हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 62 वर्षीय मुर्सी को फिर से उनके पद पर बहाल किया जाए. उन्हें तीन जुलाई को सेना ने अपदस्थ कर दिया था.

मिस्र की कैबिनेट के एक सलाहकार ने संवाददाता सम्मेलन में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा आत्मसंयम बरतने और आला दज्रे का पेशेवर रवैया दिखाने को लेकर सुरक्षा बलों का धन्यवाद व्यक्त किया तथा मुस्लिम ब्रदरहुड पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रबा अल अदाविया में आंसू गैस के गोले छोड़े जाने से वहां बैठे हजारों प्रदर्शनकारियों के बीच भगदड़ मच गई. घटना में दो पत्रकार भी मारे गए हैं. इनमें ब्रिटेन के टेलीविजन चैनल स्काई न्यूज के कैमरामैन मिक डीन तथा यूएई के अखबार एक्सप्रेस की संवाददाता हबीबा अब्दुल अजीज शामिल हैं.

प्रदर्शनकारी मुर्सी को बहाल किए जाने की मांग को लेकर काहिरा में डेरा डाले हुए हैं. मुर्सी देश के पहले लोकतांत्रिक रुप से चुने गए राष्ट्रपति थे और उनकी फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी अब भंग हो चुकी संसद में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी.

सुरक्षाबलों की कार्रवाई के जवाब में मुस्लिम ब्रदरहुड ने मिस्र के लोगों का आह्वान किया है कि नरसंहार को रोकने के लिए वे सड़कों पर उतरें. इस संगठन के टेलीविजन ने हताहतों को अस्पताल ले जाने के लिए लोगों से कारें भेजने का आह्वान किया है.

ब्रदरहुड के प्रवक्ता गेहाद अल हद्दाद ने ट्विटर पर कहा, यह लोगों को तितर बितर करने का नहीं, बल्कि सैन्य तख्तापलट के खिलाफ उठ रही हर आवाज को कुचल देने का प्रयास है.

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