अफसरशाही के विवाद के कारण 2014 के हवाई हमले में बच गया था बगदादी

लंदन: एक इराकी खुफिया दस्ते ने इस्लामिक स्टेट के प्रमुख और खूंखार आतंकी अबु बकर अल-बगदादी को पिछले साल अपने निशाने पर ले लिया था लेकिन अफसरशाही से जुडे एक छोटे से विवाद के कारण वह उसे मार नहीं पाया था. यह खुलासा मीडिया में आई खबर के जरिए किया गया है. आधुनिक इराकी खुफिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 8:11 AM

लंदन: एक इराकी खुफिया दस्ते ने इस्लामिक स्टेट के प्रमुख और खूंखार आतंकी अबु बकर अल-बगदादी को पिछले साल अपने निशाने पर ले लिया था लेकिन अफसरशाही से जुडे एक छोटे से विवाद के कारण वह उसे मार नहीं पाया था. यह खुलासा मीडिया में आई खबर के जरिए किया गया है.

आधुनिक इराकी खुफिया दस्ते ‘फाल्कन सेल’ के सदस्य पिछले नवंबर में बगदाद स्थित अपने गुप्त मुख्यालय पर बंकर में एकत्र हुए थे. वे जानते थे कि यदि उनका अभियान सफल होता है तो इससे इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जारी खूनी युद्ध की दिशा बदल सकती है.
द संडे टाईम्स की खबर के अनुसार, लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर यूफ्रेट्स के किनारे स्थित छोटे से सीमावर्ती शहर अल-काइम में दुनिया का सबसे वांछित आदमी बगदादी सुबह के समय अपने अधिकतर वरिष्ठ सहयोगियों और दर्जन भर अन्य लोगों के साथ एक नर्सरी स्कूल में दाखिल हुआ था. ये लोग उसे नए नेता के रुप में स्वीकार करने का संकल्प लेने के लिए तैयार थे और फाल्कन हमले के लिए तैयार थे.
अपनी पहचान एक झूठे नाम मेजर बक्र के रुप में बताने के लिए कहने वाले फाल्कन सेल के एक नेता के हवाले से दैनिक समाचार पत्र ने कहा, ‘‘हमने अपने सूत्रों से सूचना जुटाई थी और हम जानते थे कि वह वहां आने वाला है.’’ इराकी वायुसेना को स्कूल पर हमले का आदेश दिया गया लेकिन रक्षामंत्रलय ने कोई कार्रवाई नहीं की.
फाल्कन सेल ने निशाना बनाए जाने वाले ठिकाने की पहचान उजागर करने से इंकार कर दिया था, जिसके कारण रक्षा अधिकारी एक घंटे तक इंतजार करते रहे. इसके बाद प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी के कार्यालय ने मामले में हस्तक्षेप किया.तब तक कीमती समय निकल चुका था और अब बगदादी निकल पडा था. आईएस के शीर्ष नेताओं के एक ही स्थान पर हुए जमावडे पर आसान हमले की बजाय इराकी लडाकू विमानों को वाहनों के दौडते काफिले पर हमला करने के लिए मजबूर होना पडा. वह भी तब, जबकि वे जानते ही नहीं थे बगदादी किस वाहन में सवार है.
बक्र ने कहा, ‘‘यदि हमला समय पर बोला जाता तो बगदादी मारा जा चुका होता लेकिन हम ठिकाने की पहचान उजागर नहीं कर सकते थे और लडाकू विमान फिर देर से हमले के लिए बढे.’’ काफिले पर मिसाइलों से हमला किए जाने पर कम से कम 10 वाहन नष्ट हो गए थे. इस हमले में बगदादी का निजी सुरक्षाकर्मी और एक वरिष्ठ सहयोगी अबु मोहन्नाद मारा गया. हालांकि बगदादी बचकर निकलने में कामयाब रहा था. बगदादी को सिर और पेट में चोटें आई थीं और वह फुर्ती से सीमापार सीरिया में चला गया था.
खबर में कहा गया, ‘‘विश्व के सबसे अमीर और उत्कृष्ट उपकरणों से लैस आतंकी संगठन के पूरे नेतृत्व का सफाया करने का मौका अफसरशाही के एक छोटे से विवाद के कारण हाथ से निकल गया था.’ बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया है और आईएसआईएस को एक नया नाम इस्लामिक स्टेट दे दिया है. यह संगठन इराक और सीरिया के विभिन्न इलाकों को तबाही और मौत के गर्त में धकेल चुका है.

Next Article

Exit mobile version