यमन से भारतीयों को निकालने के अबाध अभियान की प्रधानमंत्री ने सराहना की
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों और कई गैर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे अबाध अभियान की सराहना की. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि नागरिकों को बाहर निकालने का प्रयास सरकार की लोगों की सेवा करने की […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों और कई गैर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे अबाध अभियान की सराहना की.
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि नागरिकों को बाहर निकालने का प्रयास सरकार की लोगों की सेवा करने की इच्छा और संकट में फंसे दूसरे लोगों की मदद करने की तत्परता को दर्शाता है जो भारत का सदाचार है.
उन्होंने कहा, हम यमन से हमारे नागरिकों को निकालने में सहयोग के लिए अपने नागरिकों और रक्षा कर्मियों तथा संगठनों की सेवा को नमन करते हैं. अपना प्रयास जारी रखें.
प्रधानमंत्री ने कहा, विदेश मंत्रालय, नौसेना, वायु सेना, एयर इंडिया, पोत परिवहन, रेलवे और राज्य सरकारों जैसे विभिन्न संगठनों के बीच अबाध सहयोग से बचाव कार्य में काफी मदद मिली. मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के प्रयासों की विशेष तौर पर सराहना की.
मोदी ने लिखा, सहयोगी सुषमा स्वराज, जनरल वी के सिंह ने बाहर निकालने के प्रयासों में बेदह शानदार ढंग से समन्वय स्थापित किया है. उन्होंने कहा, मुझे इस बात की भी खुशी है कि भारत ने यमन से कई गैर भारतीय नागरिकों को भी बचाया.
प्रधानमंत्री ने कहा, यमन से लोगों को निकालने का हमारा प्रयास हमारी लोगों की सेवा करने की भावना और संकट में फंसे लोगों की मदद करने की तत्परता को दर्शाता है और यह भारत का सदाचार है. उल्लेखनीय है कि कल तक भारत ने यमन से अपने करीब 2300 नागरिकों को बाहर निकाला है.
इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी आज कहा है कि, आज रात तक यमन में फंसे बाकी भारतीयों को भी वहां से निकाल लिया जायेगा.
Our evacuation efforts in Yemen reflect willingness to serve our people & readiness to help others in distress, which is India’s ethos.
Our evacuation efforts in Yemen reflect willingness to serve our people & readiness to help others in distress, which is India's ethos.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2015