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फ्रांस से 36 राफेल लडाकू विमान खरीदेगा भारत : मोदी

पेरिस : फ्रांस के राफेल लडाकू विमान खरीद सौदे को लेकर लम्बे समय से चल रही वार्ता में आज सफलता मिली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि भारत, फ्रांस से उडान भरने के लिए तैयार अवस्था में 36 राफेल विमान खरीदेगा. इस आशय की घोषणा एलिसी पैलेस में शिखर स्तर की बातचीत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2015 11:34 PM

पेरिस : फ्रांस के राफेल लडाकू विमान खरीद सौदे को लेकर लम्बे समय से चल रही वार्ता में आज सफलता मिली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि भारत, फ्रांस से उडान भरने के लिए तैयार अवस्था में 36 राफेल विमान खरीदेगा.

इस आशय की घोषणा एलिसी पैलेस में शिखर स्तर की बातचीत के बाद आज प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की. भारत और फ्रांस के बीच 12 अरब डालर मूल्य के 126 राफेल लडाकू विमान की खरीद के लिए पिछले तीन वर्षो से बातचीत चल रही थी.

राफेल लडाकू विमान के बारे में बातचीत इसकी कीमत और देसाल्त एविएशन की ओर से सरकारी स्वामित्व वाले हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाये जाने वाले 108 विमानों के लिए गारंटी देने में हिचकिचाहट के कारण फंसी हुई थी.

मोदी ने कहा, भारत में लडाकू विमानों की परिचालन संबंधी महत्वपूर्ण जरुरतों को ध्यान में रखते हुए मैंने उनसे (ओलोंद) बातचीत की और आग्रह किया कि सरकार से सरकार के स्तर पर सौदे के तहत उडान भरने के लिए तैयार स्थिति लायक 36 राफेल लडाकू विमान जितनी जल्दी हो सके, मुहैया करायें. इस बीच, महाराष्ट्र के जैतापुर में रुकी हुई परमाणु परियोजना को आगे बढाने के लिए एक समझौते समेत मोदी और ओलोंद के बीच बातचीत के बाद 17 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए.

जैतापुर परियोजना के तहत फ्रांस की कंपनी अरीवा छह परमाणु संयंत्र स्थापित करेगी जिससे करीब 10 हजार मेगावाट क्षमता का बिजली उत्पादन होगा. यह परियोजना बिजली की दर को लेकर मतभेद के कारण काफी समय से रुकी हुई थी.

भारत के लार्सन एंड टूबरो तथा फ्रांस की अरीवा के बीच समझौता स्थानीयकरण के जरिये लागत कम करने के उद्देश्य से किया गया ताकि जैतापुर परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता को बेहतर बनाया जा सके. एक अन्य समझौता एनपीसीआईएल और अरीवा के बीच पूर्व अभियांत्रिकी सहमति के तहत अध्ययन को लेकर हुआ जिसका उद्देश्य संयंत्र के सभी तकनीकी आयामों को लेकर स्पष्टता लाना है ताकि अरीवा, एलस्टाम और एनपीसीआईएल समेत सभी पक्ष कीमत को उचित बनाने के साथ जोखिम से जुडे सभी प्रावधानों को उन्नत बना सके. इससे भारत में स्वदेशी परमाणु उर्जा उद्योग के विकास एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुगम बनाया जा सकेगा.

फ्रांस ने भारत को अपने उस निर्णय के बारे में सूचित किया जिसमें भारतीय पर्यटकों के लिए 48 घंटे में शीघ्र वीजा देने की योजना लागू करने की बात कही गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां भारत और फ्रांस सहयोग नहीं कर रहे हों. फ्रांस, भारत के महत्वपूर्ण मित्रों में शामिल है. फ्रांस ने भारत में 2 अरब यूरो (करीब 1 अरब डालर) निवेश करने की घोषणा की, वहीं मोदी ने फ्रांस की कंपनियों से तेजी से आगे बढ रही अर्थव्यवस्था में धन लगाने को आमंत्रित किया.

ओलोंद ने सीईओ फोरम में घोषणा की कि फ्रांस, भारत में 2 अरब यूरो निवेश करेगा. फ्रांस के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए मोदी ने कहा, भारत से बडा कोई अन्य बाजार नहीं है. यह पिछले छह महीने में तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था हो गई है. विश्व बैंक, मूडी जैसी अन्य एजेंसियों ने एक स्वर से कहा है कि भारत सबसे तेज गति से बढ़ता राष्ट्र है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा देश पाना दुर्लभ है जहां सरकार विकास को प्रतिबद्ध हो साथ ही आबादी का लाभ भी हो. निवेशक आमतौर पर बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. केवल भारत जैसा लोकतंत्र ही इसकी गारंटी दे सकता है. सीईओर फोरम को संबोधित करते हुए ओलोंद ने कहा, हम फ्रांस की कंपनियों के जरिये भारत में सतत विकास के लिए 2 अरब यूरो का सहयोग देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि फ्रांस, भारत में रेलवे, शहरी आधारभूत ढांचे के विकास, रक्षा और परमाणु क्षेत्र में सहयोगी बनेगा.

फ्रांस के राष्ट्रपति के रक्षा क्षेत्र में, विशेष तौर पर मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करने का जिक्र करते हुए मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों ने तय किया है कि भारत को राफेल लडाकू विमान परिवर्तित शर्तो पर प्राप्त होंगे.

उन्होंने कहा, आज हम भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को नये स्तर तक ले गए हैं. मोदी ने कहा, मेरी राष्ट्रपति ओलोंद से काफी अच्छी बातचीत हुई. हमारा रक्षा सहयोग काफी पुराना है. रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में फ्रांस हमारा भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता रहा है. लडाकू विमान से लेकर पनडुब्बी तक हमारे संबंध सर्वोपरि रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि परमाणु बिजली के क्षेत्र में फ्रांस हमारा अहम साझेदार रहा है.

उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि जैतापुर में हमने छह परमाणु बिजली परियोजना स्थापित करने पर प्रगति की है. दोनों ने बिजली उत्पादन की लागत कम करने और अधिक तकनीकी सहयोग एव आगे अध्ययन के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

मोदी ने कहा कि विशेष तौर पर अरीवा तथा एल एंड टी ने भारत में संयंत्र लगाने की सहमति पर हस्ताक्षर किये हैं. मैं महासूस करता हूं कि यह समझौता काफी महत्वपूर्ण होगा और मेक इन इंडिया के लिए उत्तम उदाहरण होगा और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को नये मुकाम पर ले जायेगा. अन्य मुद्दों पर मोदी ने कहा कि दुनिया में चुनौतिपूर्ण माहौल है और विभिन्न क्षेत्रों में अशांति की स्थिति है जिसके कारण सभी प्रभावित हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, बदलती दुनिया में स्थिरता को लेकर कई अनिश्चित सवाल हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद फैल रहा है और नया आकार ले रहा है. इस चुनौती से विभिन्न रुपों में निपटा जा रहा है और इससे निपटने के लिए व्यापक रणनीति बनायी जानी चाहिए. चाहे पेरिस हो या मुम्बई, भारत और फ्रांस एक दूसरे को समझते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रत्येक देश की जिम्मेदारी है कि वह आतंक के खिलाफ लडाई में सहयोग करे और किसी आतंकी समूह को पनाह लेने की इजाजत नहीं दे तथा जितनी जल्दी संभव हो, आतंकवादियों को दंडित करे. उन्होंने कहा, भारत और फ्रांस इन चुनौतियों के प्रति समान विचार रखते हैं और इसलिए हम सुरक्षा संबंध को और मतबूत बना रहे हैं.

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