प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी के हनोवर पहुंचे, आज करेंगे मैस औद्योगिक मेले का उद्घाटन

हनोवर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के दूसरे चरण में आज हनोवर पहुंचे जहां वह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में जर्मनी का सहयोग मांगेंगे.जर्मनी की तीन दिनों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल और उस देश के कारोबारी नेताओं से मुलाकात करेंगे. हनोवर के सिटी हॉल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 2:45 PM

हनोवर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के दूसरे चरण में आज हनोवर पहुंचे जहां वह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में जर्मनी का सहयोग मांगेंगे.जर्मनी की तीन दिनों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल और उस देश के कारोबारी नेताओं से मुलाकात करेंगे.

हनोवर के सिटी हॉल में आज पीएम मोदी महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण करेंगे. रात 9.30 बजे हनोवर कांग्रेस सेंटर में हनोवर मैसे औद्योगिक मेले का उद्घाटन करेंगे. इस समारोह में मोदी की मुलाकात जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से होगी.

मोदी के जर्मनी की कंपनियों को भारत में निवेश करने और मेक इन इंडिया पहल में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करने की उम्मीद है.बहरहाल, अनेक भारतीय उस होटल के सामने एकत्र हो गए जहां प्रधानमंत्री रुके हुए हैं और उन्होंने ‘मोदी’, मोदी के नारे लगाने शुरु कर दिया.

मोदी सबसे पहले हनोवर में मेले में हिस्सा लेंगे जिसमें इस वर्ष भारत सहयोगी देश है. इस मेले में करीब 400 भारतीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. इसमें 100 से 120 भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के अलावा 3000 जर्मन प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

चांसलर एंजेला मर्केल के साथ मोदी ‘भारतीय पवेलियन’ का उद्घाटन करेंगे और भारत जर्मनी कारोबारी शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. वह महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे.दोनों नेताओं के बीच बर्लिन में विस्तृत चर्चा होगी जो इस विषय पर केंद्रीत होगी कि भारत के विकास के एजेंडे में जर्मनी किस तरह से काम कर सकता है.

प्रधानमंत्री बर्लिन में रेलवे स्टेशन का भी दौरा करेंगे जो उनकी सरकार के रेलवे के आधुनिकीकरण के एजेंडे के परिप्रेक्ष्य में होगा. वह सीमन्स के सुविधा केंद्र भी जायेंगे.दोनों नेता हनोवर कारोबार शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे जो भारत और जर्मनी के बीच कारोबारी एवं औद्योगिक सहयोग को बढावा देने की संभावना पर केंद्रीत होगा.

मंगलवार को बर्लिन में आधिकारिक यात्रा शुरु होने पर मोदी और मर्केल के बीच आपसी हितों से संबंधित द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा होगी. जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बडा सहयोगी और दुनिया के 10 शीर्ष कारोबारी सहयोगियों में शामिल है.दोनों देशों के बीच पिछले वर्ष 15.96 अरब यूरो मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का आदान प्रदान हुआ जो 2013 की तुलना में 1.14 अरब यूरो कम है जो 16.10 अरब यूरो रही थी.

संधीय कार्यालय के आंकडों के मुताबिक, जर्मनी को भारत से निर्यात आंशिक रुप से बढकर 7.03 अरब यूरो हो गया जबकि जर्मनी से आयात पिछले वर्ष के 9.19 अरब यूरो से घटकर 8.92 अरब यूरो रह गया.

इसके पहले पेरिस से जर्मनी के लिए रवाना होते हुए मोदी ने अंग्रेजी और फ्रेंच में ट्विट किया, ‘‘ धन्यवाद फ्रांस, मेरी यात्रा के दौरान काफी आगे बढे. फ्रांस की सरकार और लोगों को धन्यवाद. हम इस उत्साह को हमेशा संजो कर रखेंगे.’’ ‘मेक इन इंडिया’ विषयवस्तु पर दोनों पक्षों ने असैन्य परमाणु उर्जा, शहरी विकास, रेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए करीब 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किया. तीन दिनों की यात्रा के दौरान फ्रांस ने भारत में सतत विकास के लिए 2 अरब यूरो निवेश करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की जबकि प्रधानमंत्री ने इस देश से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित किया.

फ्रांस की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी विमान निर्माता कंपनी एयरबस के विनिर्माण सुविधा केंद्र भी गए. एयरबस ने अगले पांच वर्षो में आउटसोर्सिंग को 40 करोड यूरो से बढाकर 2 अरब यूरो करने के निर्णय की घोषणा की. एयरबस ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारत में विनिर्माण में गहरी रुचि दिखाई. इस यात्रा के दौरान मोदी और ओलोंद के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा हुई और निवेश एवं कारोबार को आगे बढाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी. ओलोंद से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सामरिक संबंधों को नई उंचाई प्राप्त होगी.
भारत के जल्द से जल्द उडान भरने के लिए तैयार अवस्था में 36 राफेल लडाकू विमान खरीदने के निर्णय से 126 राफेल विमान की आपूर्ति के सौदे में रुकावट को दूर किया गया. इसके लिए अंतर सरकार समझौते पर हस्ताक्षर किया जायेगा जो अलग शर्तो पर होगा और इसके बारे में अधिकारियों के बीच चर्चा होगी. संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘ दोनों नेताओं ने विमानों की आपूर्ति के लिए अंतर सरकार समझौता करने पर सहमति व्यक्त की जो बेहतर शर्तो पर होगी और यह पृथक प्रक्रिया का हिस्सा होगा.’’

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