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वैंकूवर में लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचे नरेंद्र मोदी, खालसा दीवान गुरुद्वारा में टेका मत्था

नयी दिल्ली/वैंकूवर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के दौरे के दौरान गुरुद्वारा पहुंचे. मोदी के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर भी साथ थे. गुरुद्वारा में दोनों प्रधानमंत्री ने माथा टेका.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसे मेरा खून का रिश्ता है, भगवान ने हमें मौका दिया है मानवता की सेवा करने का, गुरुनानक ने कहा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 5:22 AM

नयी दिल्ली/वैंकूवर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के दौरे के दौरान गुरुद्वारा पहुंचे. मोदी के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर भी साथ थे. गुरुद्वारा में दोनों प्रधानमंत्री ने माथा टेका.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसे मेरा खून का रिश्ता है, भगवान ने हमें मौका दिया है मानवता की सेवा करने का, गुरुनानक ने कहा है कर्मभूमि में फल के लिए संघर्ष सबको करना पड़ता है रब सिर्फ लकीर देता है रंग हमें भरना पड़ता है.

मोदी ने इस मौके पर भगत सिंह को याद करते हुए कहा उन्होंने युवाओं को आजादी के लिए प्रेरित किया. अगर कनाडा भारत को सम्मान देता है तो इसका एक बड़ा कारण यहां रहने वाले भारतीय है. कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने भी भारत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक हम पर विश्वास बनाये रखने के लिए धन्यवाद.

कनाडा की तीन दिन की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर आज भारत के प्राधानमंत्री वैंकूवर पहुंचे. यहां उन्होंने गुरुद्वारा खालसा दीवान में मत्था टेका एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाये. लक्ष्मी नारायण मंदिर में मोदी ने भारतीयों को संबोधित किया.

उन्होंने वहां रह रहे भारतीयों से कहा कि वे विश्व में रहने वाले भाई-बहनों को वैज्ञानिक तरीके से अपने जीवन-पद्धति से परिचित कराएं और भारत की छवि उनमें उतारें. योग दिवस का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 जून को पूरे विश्‍व में शेग दिवस मनाया जायेगा जिसके लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अपने पहले संबोधन में योग दिवस मनाने का आग्रह किया था.

उन्होंने कहा कि भारत योग गुरू है जिसका अविष्कार हमारे ऋषियों-मुनियों ने किया. यह हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालता है. संयुक्त राष्ट्र ने मोदी के आग्रह पर 125 दिन के अंदर ही प्रस्ताव पारित कर दिया और 177 देश इसके सहभागी बने. उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि कनाडा भी उनमें से एक है.

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