लखवी को एक और राहत, अपहरण मामले में हुआ बरी

इस्लामाबाद: साल 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को एक और राहत मिली है. पाकिस्तान की एक अदालत ने आज लखवी को 2009 में एक अफगान नागरिक के अपहरण के मामले में बरी कर दिया. लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने सुनवाई के बाद बताया, ‘‘इस्लामाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश तनवीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 7:08 AM

इस्लामाबाद: साल 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को एक और राहत मिली है. पाकिस्तान की एक अदालत ने आज लखवी को 2009 में एक अफगान नागरिक के अपहरण के मामले में बरी कर दिया. लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने सुनवाई के बाद बताया, ‘‘इस्लामाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश तनवीर मीर ने आज लखवी की दलीलें मान ली और उसे अफगान नागरिक अनवर खान के अपहरण के मामले में बरी कर दिया.’’

उन्होंने कहा कि कानून अधिकारी अपहरण के मामले में लखवी के शामिल होने को लेकर कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दे सके. अब्बासी ने कहा कि यह मनगढंत मामला था. उन्होंने कहा कि मुंबई हमलों के मामले में निचली अदालत से लखवी को जमानत मिलने के बाद भी उसे सलाखों के पीछे रखने की यह सरकार की कोशिश थी.
इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने अनवर खान नाम के एक अफगान नागरिक को छह साल पहले कथित तौर पर अगवा करने के मामले में 55 साल के लखवी को बरी किया.सत्र अदालत के न्यायाधीश तनवीर मीर ने मामले की सुनवाई तब की जब एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पांच अप्रैल को लखवी को अभ्यारोपित करने का फैसला टाल दिया था. इससे पहले, पुलिस ‘सुरक्षा कारणों’ से उसे अदालत में पेश करने में नाकाम रही थी.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मुंबई हमलों के मामले में 26 दिसंबर 2014 को लखवी की हिरासत पर रोक लगा दिए जाने के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने अफगान नागरिक के अपहरण के मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था. आज की सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील आमिर नदीम ताबिश ने अपनी दलीलों में कहा कि लखवी को अपहरण के मुकदमे में सीधे तौर पर आरोपी बनाया गया. उन्होंने दावा किया कि वादी और अगवा किए गए शख्स के भाई अपहरण की घटना के गवाह थे.नदीम ने अदालत से अनुरोध किया कि लखवी को समन किया जाए और अपहरण के मामले में उसे अभ्यारोपित किया जाए.बहरहाल, अपने आदेश में अदालत ने कहा कि मामला छह साल के अंतराल के बाद दर्ज किया गया.
इस मामले का वादी एक बार भी अदालत के सामने पेश नहीं हुआ और अगवा किए गए शख्स के ठिकानों के बारे में किसी को पता नहीं है. इसके बाद अदालत ने अपहरण के मामले में लखवी को बरी कर दिया.इससे पहले, फरवरी में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपहरण के मामले में लखवी को बरी किए जाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज कर दी थी. लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा लखवी की हिरासत के आदेशों को खारिज किए जाने के बाद 10 अप्रैल को उसे अदियाला जेल से रिहा कर दिया गया था.

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