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सीरिया हमले पर अमेरिका बोला विश्वसनीयता दांव पर

काहिरा: रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है तो दूसरी ओर वाशिंगटन ने कहा कि बशर अल असद शासन के खिलाफ अगर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गयी तो दुनिया में उसकी विश्वसनीयता दांव पर लगी है.पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की […]

काहिरा: रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है तो दूसरी ओर वाशिंगटन ने कहा कि बशर अल असद शासन के खिलाफ अगर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गयी तो दुनिया में उसकी विश्वसनीयता दांव पर लगी है.पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर कोई भी सैन्य कार्रवाई ‘आक्रमण’ होगी. उन्होंने असद शासन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सबूत पेश करने का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिना किसी संदेह के यह साबित हो जाए कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है तो वह सैन्य कार्रवाई से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करने से गुरेज नहीं करेंगे.

पुतिन ने एक साक्षात्कार में कहा कि मास्को ने सीरिया को एस-300 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के कुछ उपकरण और सामग्री मुहैया करायी है, लेकिन उसने निकट भविष्य में यह सामग्री भेजे जाने पर पाबंदी लगा दी है. सेंट पीटर्सबर्ग में जी-20 देशों की कल शुरु हो रही शिखर बैठक के पहले पुतिन का यह बयान सामने आया है. बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जोर रहने की उम्मीद है लेकिन इस आरोप पर भी गौर किये जाने की उम्मीद है कि सीरिया सरकार ने कथित तौर पर देश में जारी गृहयुद्ध में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया.

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा है कि सीनेट की विदेश मामलों की समिति की ओर से सीरिया के बारे में तैयार किए गए प्रस्ताव में 60 दिन की सैन्य कार्रवाई की इजाजत दी गई है. यह प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है.अमेरिका का आरोप है कि असद शासन ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें कम से कम 1,429 लोगों की मौत हो गई, जबकि सीरियाई सरकार इससे इंकार कर रही है.

ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कथित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर यदि सीरिया के बशर अल असद शासन के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जाती तो अमेरिका को न सिर्फ अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एवं मित्र देश खोने का जोखिम है, बल्कि विश्व मंच पर उसकी विश्वसनीयता पर भी बट्टा लग सकता है.

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने अमेरिकी सीनेट से कहा, ‘‘यदि हम कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं तो हमारे सहयोगी देश घट जाएंगे. हमारे साथ ऐसे कम लोग होंगे जो हम पर भरोसा करेंगे, खासतौर पर क्षेत्र में.’’ सीरिया में कथित रासायनिक हमलों के बाद विश्व के नेताओं से घंटों तक बात करने वाले केरी ने कल कहा था कि अमेरिका की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है.बहरहाल, विदेश मंत्री ने कहा कि यह कहना सही है कि यदि हम सक्षम नहीं साबित होते हैं तो हमारे हितों को गंभीर झटका लगेगा.केरी ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को ‘लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन’ बताते हुए कहा कि कोई अमेरिकी कार्रवाई खतरनाक नजीर नहीं पेश करेगी.

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