सीरिया संकट:यूएस-रूस आमने-सामने
काहिरा:रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है, तो वाशिंगटन ने कहा कि बशर अल असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं की, तो दुनिया में अमेरिका की विश्वसनीयता दावं पर लग जायेगी. पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर […]
काहिरा:रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है, तो वाशिंगटन ने कहा कि बशर अल असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं की, तो दुनिया में अमेरिका की विश्वसनीयता दावं पर लग जायेगी. पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर कोई भी सैन्य कार्रवाई ‘आक्रमण’ होगी.
उन्होंने असद शासन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सबूत पेश करने का आह्वान किया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिना किसी संदेह के यह साबित हो जाये कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है, तो वह सैन्य कार्रवाई से संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करने से गुरेज नहीं करेंगे. इधर, अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने सीरिया पर तैयार प्रस्ताव में 90 दिन की सीमित सैन्य कार्रवाई की इजाजत दी गयी है. प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है. सीनेट ने जमीनी हमले की इजाजत नहीं दी है.
यदि हम कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं, तो हमारे सहयोगी देश घट जायेंगे. हमारे साथ ऐसे कम लोग होंगे, जो हम पर भरोसा करेंगे, खासतौर पर क्षेत्र में.
बाहरी सैन्य कार्रवाई अस्वीकार्य:भाजपा
नयी दिल्ली. सीरिया पर बाहरी सैन्य कार्रवाई को अस्वीकार्य करार देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने बुधवार को कहा कि पश्चिमी ताकतें दुनिया भर में ‘शांति स्थापना की पुलिस’ नहीं हो सकतीं. सरकार को इस विषय को जोरदार ढंग से वैश्विक पटल पर रखना चाहिए. सीरिया में गृह युद्ध की प्रकृति असभ्य और बर्बर है, जो कट्टरपंथ से प्रभावित है. अरब देशों में सीरिया का महत्वपूर्ण स्थान है. वहां इसलाम व ईसाई धर्म साथ-साथ फला-फूला. ऐसे में इस क्षेत्र में कार्रवाई ठीक नहीं है.